शकुन-विचार एक विज्ञान है!


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शकुन-विचार एक विज्ञान
बरसात के मौसम में अचानक गर्मी का बढ़ जाना, बरसात का, आने वाली खुशबु, भोजन के पकने का, वातावरण में अचानक शान्ति छा जाना आने वाला तूफान का यदि शकुन या संकेत हो सकती है तो रात में कुत्तों का रोना, बिल्ली का अचानक रास्ता काट जाना, गाय आदि चौपायों का असामान्य व्यवहार करना, अर्थात बैचेनी प्रकट करना, कौये का सुबह-सुबह छत पर बोलना आदि भी एक शुभाशुभ संकेत क्यों नहीं हो सकते, हो सकते हैं? बशर्ते! इन्हें अंधविश्वास न बनाया जाये । अंधविश्वास से मेरा तात्पर्य है कि शकुन अपशकुन के संकेत देने वाले माध्यमों का भी ध्यान से निरीक्षण किया जाना भी आवश्यक है, केवल आख मिचकर ही उसे शकुन-अपशकुन नहीं माना जाना चाहिये। उदाहरण के लिये यदि कुत्ते को किसी ने मारा है और इसलिये वो रो रहा है तो उसके इस रूदन को मृत्यु (पीड़ा) का संकेत नहीं माना जायेगा शर्त ये है कि कुत्ता या कुत्तें बिना वजय ही रात्रि में रो रहे हों। इसी तरह यदि गाय आदि चौपाये अपनी किसी शारीरिक पीड़ा या बिमारी के कारण असामान्य व्यवहार कर रहे हैं तो ये भी किसी आने वाली प्राकृतिक आपदा का संकेत नहीं माना जायेगा। इसी प्रकार यदि किसी क्षेत्र में कौओं को नित्य दाना-पानी डाला जाता है तो उस क्षेत्र में भी कौवे काफी संख्या में होंगे और वे आवाज देकर (कांव-कांव करके) अपने साथियों को बुलाते रहते हैं तो इस प्रकार कौवे का बोलना किसी मेहमान के आगमन का संकेत नहीं माना जाना चाहिये, और इसी प्रकार यदि चीटियों के बिल में किसी प्रकार पानी चला गया है तो भी ये अंडे लेकर भागती हैं तो उसे भी वर्षा का संकेत नहीं माना जायेगा। 

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OMEN SCIENCE
     मेरे कहने का तात्पर्य है कि शकुन -अपशकुन (GOOD AND BAD OMEN) का संकेत देने वाला माध्यम अपना प्राकृतिक व्यवहार प्रकट करें, तभी उपरोक्त शकुन-अपशकुन प्रकट होते हैं। आपकी जानकारी के लिये बता दूं कि प्राकृतिक आपदा जैसे भूकम्प, बाढ़ आदि आने का अहसास सबसे पहले पशु-पक्षियों को ही होेता है, क्योंकि वे प्रकृति के हमसे ज्यादा निकट होते हैं और प्रकृति की असामान्य हलचलों को समझने की क्षमता रखते हैं। यही कारण है कि किसी अभ्यारण क्षेत्र में आयी बाढ़ आदि से इन्सान तो मरते हैं, परन्तु आपने किसी जंगली जानवर को मरते नहीं सुना होगा। क्योंकि वे आने वाली आपदा को पहले ही भांप लेते हैं और सुरक्षित स्थानों की ओर कूच कर जाते हैं। यदि गाय आदि चौपायों को बांध कर न रखा गया हो तो वे भी सुरक्षित स्थानों की ओर भागने का प्रयत्न करते हैं, और ब्रह्मांड़ का सर्वशक्तिशाली प्राणी होने का दम्भ भरने वाला इंसान उनके इस असामान्य व्यवहार को नहीं समझ पाता और हानि उठाता है।
    
     प्रबुद्ध पाठकजनों ! शकुन (OMEN) का शाब्दिक अर्थ किसी संकेत, चिन्ह या लक्षण से है, जो की किसी कार्य या यात्रा को प्रारम्भ करते समय प्रकट होते हैं, इनके द्वारा हमें उस कार्य के बनने या बिगड़ने के संकेत, सूत्र रूप में प्राप्त होते हैं इन्ही सूत्रों को ही शकुन (OMEN) कहते हैं। शकुन भारतीय दर्शन के इस सिद्धांत पर कार्य करते हैं कि कार्य की परिणिती या भविष्य सुदूर अंतरिक्ष में एक अप्रत्यक्ष दिव्य सत्ता द्वारा निश्चित कर दिया गया है, आवश्यकता उसे जानने भर की है, जो कि किसी दिव्यद्रष्टा द्वारा ही दिव्य दृष्टि से जाना या देखा जा सकता है, साधारण मनुष्य को वह दृष्टि मिलनी असंभव नहीं तो कठिन अवश्य है, दिव्यद्रष्टा मनीषियों ने इस भविष्य की हलचल को जानने के लिये जनसाधारण के लिये एक विज्ञान सुलभ कराया है, जिसे हम शकुन विज्ञान (OMEN SCIENCE) कहते हैं। इस प्रकार शकुन विज्ञान (OMEN SCIENCE) जन साधारण को किसी कार्य के भविष्य को जानने की दिव्य दृष्टि जिन संकेतों के माध्यम से देता है, इन संकेतों को ही शकुन विज्ञान (OMEN SCIENCE) कहते हैं।
     
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OMEN SCIENCE
     शकुन ज्योतिष, ज्योतिष शास्त्र  का ही एक अंग है। गणित ज्योतिष के अठारह आचार्य माने गये हैं और शकुन (OMEN) के दस आचार्य हैं। शकुन (OMEN) का विवेचन समस्त आर्य ग्रन्थों में हुआ है। शकुन के आदिम आचार्य भगवान शंकर  ही माने गये हैं । 
     
    आदरणीय पं0 राधाकृष्ण श्रीमाली जी  अपने ग्रन्थ स्वप्न ज्योतिष में लिखते हैं कि शकुन विज्ञान (OMEN SCIENCE) के अध्ययन से ज्ञात होता है कि आचार्यो ने प्रारम्भ में मानव जाति के शुभ-अशुभ विचार के लिये शकुन के द्वारा फल-विचार करना आरम्भ किया और इसे ही शकुन विचार कहा जाने लगा। पक्षियों के दिखाई देने, उठने-बैठने, पंख फैलाने, बोलने आदि के आधार पर विचार प्रारम्भ हुआ और शनै-शनै मानव जाति के अंग स्फुरण आदि के द्वारा शकुन विचार किया जाने लगा। पक्षियों में कौआ, चील, नीलकंठ आदि भी शकुन विचार में आने लगे।
     
     इस प्रकार हम कह सकते हैं कि शकुन विज्ञान (OMEN SCIENCE) ज्योतिष का ही एक अंग है और ज्योतिष विज्ञान के समान ही एक विज्ञान है।
शकुन व उसके फल का अध्ययन किसी अन्य ब्लाॅग में करेंगे।  
-लेखक-संजय कुमार गर्ग  sanjay.garg2008@gmail.com (All rights reserved.)
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    [पाठकगण! यदि उपरोक्त विषय पर कुछ पूछना चाहें तो कमेंटस कर सकते हैं, या मुझे मेल कर सकते हैं!]    

2 टिप्‍पणियां :

  1. इस प्रकार हम कह सकते हैं कि शकुन विज्ञान (OMEN SCIENCE) ज्योतिष का ही एक अंग है और ज्योतिष विज्ञान के समान ही एक विज्ञान है।
    शकुन अपशकुन के विषय में बहुत ही सटीक और सार्थक रूप से लिखा है आपने मित्रवर संजय जी ! ऐसे लेख बहुत जागरूक करते हैं और सीखते भी हैं ! हालाँकि वर्षों और सदियों से स्थापित मान्यताओं को एकदम से समाप्त करना संभव नही हो सकता किन्तु उनके विषय में सही जानकारी देकर जागरूक करना भी एक सराहनीय प्रयास होता है !!

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    1. उत्साहवर्धन कमेंट्स के लिए सादर आभार! आदरणीय योगी जी!

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