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बारह राशियों के बारह मन्त्र!

बारह राशियों के बारह मन्त्र
बारह राशि
ज्योतिष भारतवर्ष की अति प्राचीन व महत्वपूर्ण विद्या है। हमारे प्राचीन दिव्य द्रष्टा ऋषि मुनियों ने आकाश मण्डल का अध्ययन करके जो निष्कर्ष स्थापित किये थे, वे आज के समय में भी प्रासांगिक हैं। उन्होने सम्पूर्ण आकाश मण्डल को, सूर्य को आधार मानकर 12 खण्डों में विभाजित किया था। उसी के आधार पर नाभीय चक्र को 12 राशियों एवं 27 नक्षत्रों में बांटा गया है। सभी राशियों के अपने-अपने देवता से अभिन्न संबंध है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी राशि से संबंधित देवता और ग्रह का पूजन करना चाहिये, प्रस्तुत हैं प्रत्येक राशि से संबंधित देवता व उनकी सूक्ष्म पूजन विधि-


1-मेष राशि- इस राशि के देवता भगवान विष्णु हैं, अतः उनकी उपासना श्री लक्ष्मी नारायण मन्त्र के जाप से करनी चाहिये।
मन्त्र-ऊंँ श्री लक्ष्मी नारायण
 नमः।
इस मन्त्र का जाप केले के वृक्ष के पास अथवा लक्ष्मी नारायण के मन्दिर में करें। फल और लड्डुओं का भोग लगाये।

2-वृष राशि-इस राशि के देवता भगवान वासुदेव हैं। उनकी उपासना वासुदेव मन्त्र से करनी चाहिये।
मन्त्र- ऊंँ क्रीं वासुदेवाय नमः।


3-मिथुन राशि- इस राशि वालों को केशव मन्त्र का जाप करना चाहिये। भगवान कृष्ण की दूध-दही, मक्खनादि से पूजन करें।
मन्त्र- ऊंँ क्रीं केशवाय नमः।

4-कर्क राशि-इस राशि वालों को हरिवंश मन्त्र का जाप करना चाहिये। राधा-कृष्ण के मन्दिर में खोये के लड्डुओं का भोग लगाना चाहिये।
मन्त्र- ऊंँ ह्नी हरिहराय नमः।

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5-सिंह राशि-इस राशि वालों को मुकुन्द भगवान का पूजन लाभकारी होगा । मुकुन्द भगवान की खीर तथा मालपुओं से पूजा करनी चाहिये।
मन्त्र- ऊंँ बालमुकुन्दायः नमः।

6-कन्या राशि-इस राशि वालों को पीताम्बरधारी भगवान कृष्ण का ध्यान करना चाहिये। पीले चावल और पीले रंग का हलवा भगवान को समर्पित करना चाहिये।
मन्त्र- ऊंँ ह्नी पीताम्बराय परमात्मने नमः।

7-तुला राशि-इस राशि वालों को भगवान श्री राम का सपरिवार पूजन करना चाहिये। अपने को अति प्रिय लगने वाले मिष्ठान से श्री राम को भोग लगाना चाहिये।
मन्त्र- श्री रामः शरणं मम।

8-वृश्चिक-इस राशि वालों को नर-नारायण भगवान की उपासना करनी चाहिये। जाप के उपरांत मास में कम से कम एक ब्राह्मण दंपत्ती (पति-पत्नी) को भोजन कराना चाहिये।
मन्त्र- ऊंँ नमो नारायण नमः।

9-धनु राशि-इस राशि के जातक को श्री धरणीधर भगवान का पूजन और उपासना करनी चाहिये। जगत धारण करने वाले भगवान का ध्यान करते हुये उन्हे कच्चा दूध-दही अर्पण करनी चाहिये।
मन्त्र- ऊंँ ह्नी श्रीं क्रीं धरणीधराय नमः।

10-मकर राशि-इस राशि वालों को ब्रह्मा तारक की उपासना करनी चाहिये। जाप नियमित रूप से करते हुये संक्रांति और अमावस्या को सफेद वस्त्र, खीर तथा फलादि का दान करना चाहिये।
मन्त्र- ऊंँ श्रीं वत्साय उपेन्द्राय नमः।

11-कुम्भ राशि-इस राशि वालों को गोविन्द गोपाल की पूजा करनी चाहिये। गाय को हरा चारा और पेड़ा-शक्कर डालकर खिलायें। कृष्ण भगवान का ग्वाल-बालों सहित ध्यान करें।
मन्त्र-श्री गोपाल गोविन्दाय नमः।

12-मीन राशि-इस राशि वालों को प्रमुखतः चक्रपाणि और दामोदर भगवान की उपासना करनी चाहिये। जाप के समय भगवान विष्णु का शेष शय्या पर विराजमान लक्ष्मी जी सहित ध्यान करें। भगवान को दूध, क्षीर और दूध की बनी मिठाई और नारियल अर्पण करें।
मन्त्र- ऊंँ ह्नी श्रीं क्रीं रथाचक्राय नमः।

(चित्र गूगल-इमेज से साभार!)
[पाठकगण! यदि उपरोक्त विषय पर कुछ पूछना चाहें तो कमेंटस कर सकते हैं, या मुझे मेल कर सकते हैं!]                                     लेखक-संजय कुमार गर्ग sanjay.garg2008 @mail.com
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