नव ग्रहों के नौ बीज मन्त्र |
ऊँ ह्नां ह्नीं ह्नौं सः सूर्याय नमः।।
जप समय-सूर्य उदय जप संख्या-7000 हवन समिधा-अर्क
चन्द्र ग्रह-
ऊँ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्राय नमः।।
जप समय-संध्या जप संख्या-11000 हवन समिधा-पलाश
मंगल ग्रह-
ऊँ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः।।
जप समय-2 घटी शेष दिन जप संख्या-10000 हवन समिधा-खदिर
बुद्ध ग्रह-
ऊँ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः।।
जप समय-5 घटी शेष दिन जप संख्या-9000 हवन समिधा- अपामार्ग
गुरू ग्रह-
ऊँ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरूवे नमः।।
जप समय-संध्या जप संख्या-19000 हवन समिधा-अश्वत्थ
शुक्र ग्रह-
ऊँ द्रां द्रां द्रौं सः शुक्राय नमः।।
जप समय-सूर्याेदय जप संख्या-16000 हवन समिधा-उटुम्बर
शनि ग्रह-
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
जप समय-मघ्यान्ह जप संख्या-23000 हवन समिधा-शमी
राहु ग्रह-
ऊँ भ्रां भीं भौं सः राहवे नमः।।
जप समय-रात्रि जप संख्या-18000 हवन समिधा-दुर्वा
केतु ग्रह-
ऊँ स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः।।
जप समय-रात्रि जप संख्या-17000 हवन समिधा-कुशा
नोट-बीज मन्त्रों के उच्चारण की सही विधि किसी योग्य व्याकरणाचार्य या संस्कृत विद्वान से सीख लेनी चाहिए! -संकलन-संजय कुमार गर्ग 8791820546 Whatsapp
(चित्र गूगल-इमेज से साभार!)
मन्त्रों के विषय में बहुत ही सटीक जानकारी दी है आपने संजय जी ! पूरा विधि विधान भ बताया है ! अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंआपको ब्लॉग अच्छा लगा उसके लिए धन्यवाद ! आदरणीय योगी जी!
जवाब देंहटाएंबीज मन्त्रों के साथ चित्र ... बहुत अच्छा ...
जवाब देंहटाएंआदरणीय दिगम्बर जी,सादर नमन! ब्लॉग पर आने व् कमेंट्स करने के लिए सादर आभार!
हटाएंbahut sunder mantr ki prastuti...
जवाब देंहटाएंआदरणीया परी जी, सादर नमन! कमेंट्स के लिए सादर आभार व् धन्यवाद!
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