श्री राम दरबार |
मंगल कार्य निर्विघ्न संपन्न हो-
निम्न चौपाईयों में से किसी एक चौपाई का सुबह-दोपहर-शाम-रात को कम से कम ग्यारह बार जाप करना चाहिये, जितना ज्यादा जप बन सके उतना अच्छा है।
1-सुनु सिय सत्य आसीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी।।
2-सुफल मनोरथ होई तुम्हारे। राम लखन सुनि भए सुखारे।।
जब अचानक संकट आ जाये-
निम्न चौपाईयों में से किसी एक चौपाई का सुबह-दोपहर-शाम-रात को कम से कम ग्यारह बार जाप करना चाहिये-
1-दीनदयाल बिरदु संभारी। हरहु नाथ मम संकट भारी।।
2-पवनतनय बल पवन समाना। बुधि बिवेक बिग्यान निधाना।।
3-कवन सा काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं।।
4-पाहि पाहि रघुबीर गोसाई। यह खल खाइ काल की नाई।।
विद्या लाभ पाने के लिये-
निम्न चौपाईयों में से किसी एक चौपाई का सुबह-दोपहर-शाम-रात को कम से कम ग्यारह बार जाप करना चाहिये-
1-जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कवि उर अजिर नचावहिं बानी।।
2-गुरू गृह गए पढ़न रघुराई। अल्प काल विद्या सब आई।।
मन की चिन्ता के निवारण के लिये-
निम्न चौपाईयों में से किसी एक चौपाई का सुबह-दोपहर-शाम-रात को कम से कम ग्यारह बार जाप करना चाहिये-
1-मावलोकय पंकजलोचन। कृपा बिलोकनि सोच विमोचन।।
2-राम कथा सुन्दर करतारी। संसय बिहग उड़ावननिहारी।।
यदि कोई समझौता ना हो पा रहा हो-
निम्न चौपाईयों में से किसी एक चौपाई का सुबह-दोपहर-शाम-रात को कम से कम ग्यारह बार जाप करना चाहिये-
1-गरल सुधारिपु असीस हमारी। पूजिहि मन कामना तुम्हारी।।
2-बयरू न करै काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई।।
कार्य को सफलता पूर्वक पूर्ण करने के लिये-
निम्न चौपाईयों में से किसी एक चौपाई का सुबह-दोपहर-शाम-रात को कम से कम ग्यारह बार जाप करना चाहिये-
1-साधक राम जपहिं लय लाएं। होहिं सिद्धि अनिमादिक पाएं।।
2-रामचरित चिन्तामनि चारू। संत सुमति तिय सुभग सिंगारू।।
नवविवाहित जोड़े में यदि तनाव रहने लगे-
निम्न चौपाईयों में से किसी एक चौपाई का सुबह-दोपहर-शाम-रात को कम से कम ग्यारह बार जाप करना चाहिये-
1-जब मैं राम ब्याहि घर आये। नित नव मंगल मोद बधाए।।
2-मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवहुं सो दसरथ अजिर बिहारी।।
खोये धन या स्वजन को पाने के लिये-
निम्न चौपाईयों में से किसी एक चौपाई का सुबह-दोपहर-शाम-रात को कम से कम ग्यारह बार जाप करना चाहिये-
1-गई बहोर गरीब नेवाजू। सरल सबल साहिब रघुराजू।।
2-जेहि के जेहि पर सत्य सनेहूं। सो तेहि मिलहि न कछू संदेहू।।
विशेष-
विशेष-
* खोई सम्पदा, मान सम्मान या मनचाही वस्तु फिर से पाने के लिये उत्तरकांड का शुरू से पन्द्रहवें दोहे तक नित्य पाठ करना चाहिये।
* रोग के कारण शारीरिक कष्ट अधिक हो तो हनुमान बाहुक का नित्य पाठ करना चाहिये।
* सजा से बचने, या जेल गये, या अपहरण हुये व्यक्तिकी सकुशल वापसी के लिये, रोग निवारण के लिये हनुमान चालिसा के 100 पाठ करें।
-संकलन-संजय कुमार गर्ग sanjay.garg2008@gmail.com (All rights reserved.)
संजय जी नमस्कार, यदि सरकारी आवास के आंगन में पीपल वृक्ष हो तो क्या उस आवास में रहना वास्तु दृष्टि से उचित होगा। आशा है आप जरूर इस प्रकाश डालेगे।
जवाब देंहटाएंअजित मिश्रा जी, यदि पीपल का पेड़ आपके भवन के पूर्व या दक्षिण में है, और इसकी परछाहीं आपके भवन पर पढ़ती है, तो यह वेध होगा, और वह आपके लिए शुभ नहीं होगा, यदि परछाहीं भवन पर नहीं पड़ती तो इसका कोई विपरीत प्रभाव आप नहीं पढ़ेगा! कॉमेंट्स के लिए धन्यवाद!
हटाएंnice
जवाब देंहटाएंकमेंट्स के लिए धन्यवाद! विवेक जी!
हटाएंParad shivling kanah stapith krna chahiye
जवाब देंहटाएंआस्था जी, इसके लिए आप मेरे मन्त्रों पर आधारित आलेख पढ़े!
हटाएंराम का नाम ही समस्या के निवारण के लिए बहुत है ... फिर रामायण की चोपाइयों में तो जीवन सार है ...
जवाब देंहटाएंकमेंट्स के लिए सादर धन्यवाद! आदरणीय दिगंबर जी!
हटाएंRadhey Radhey
जवाब देंहटाएंराधे राधे जी, संवाद बनाये रखें! तिवारी जी!
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