सम्मोहन-हिप्नोटिज्म के कुछ रोचक रहस्य!!

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प्राचीन भारत में सम्मोहन (Hypnotism) को सम्मोहन, मोहन, वशीकरण विद्या आदि नामों से पुकारा जाता था, मध्यकाल के आते-आते इस विद्या को जादूगरों, बाजीगरों, और तमाशा दिखाने वालों की विद्या माना जाने लगा, कुछ स्वार्थाी लोगों ने इस विद्या का काफी दुरूपयोग भी किया, अस्सी नब्बे के दशक में माताएं अपनी बेटियों से बाहर जाते समय, ये हिदायत देना नहीं भूलती थी, बेटी! किसी अन्जान पुरूष से नजर मिला कर बात नहीं करना, बेटी को मां की ये हिदायत भी इसी विद्या के दुरूपयोग का असर थी, कि कहीं कोई स्वार्थी जादूगर उनकी पुत्री को वश में न कर ले, इसी कारण इस विद्या के जानकारों से, सभ्य समाज के लोगों दूर रहने लगे थे, और हम सम्मोहन (Hypnotism) को केवल जादूगरों बाजीगरों और तमाशा दिखाने वालों का कोई काला जादू मानकर रह गये। परन्तु, जैसे ही ये सम्मोहन, हिप्नोटिज्म (Hypnotism) बनकर डाॅ0 जेम्स के कन्धों पर चढ़कर भारत आया तो हम भारतवासियों ने इसका तहेदिल से स्वागत किया और इसकी महिमा के बखान करने लगे। हम यह भूल गये अरे! ये वही तोे है, जिसे हमने काला जादू और बाजीगरों की कला मानकर ठुकरा दिया था। साथियों! जिस महान विज्ञान की हमने कद्र नहीं की, आज इसी विज्ञान से बिना इनथीसिया दिये आपरेशन हो रहे हैं, गर्भवती महिलाओं की पीड़ा रहित डिलीवरी हो रही है, लोगों की नशे की आदतों को छुड़ाया जा रहा है, तरह-तरह की मानसिक बीमारियों जैसे फोबिया आदि का इलाज हो रहा हैं, आदि न जाने क्या-क्या कार्य इस सम्मोहन (Hypnotism)या कहिए कथित काले जादू से हो रहे हैं। 

साथियों! सम्मोहन या हिप्नोटिज्म के बारे में और जानने से पहले हम मन (Mind) के बारे में जान लेते हैं, 

मन (Mind) की मुख्यतः दो अवस्थाएं पायी जाती है, 
पहली चेतन मन दूसरी अवचेतन मन
चेतन मन (Conscious Mind) को हम जाग्रत मन भी कह सकते हैं, जितने भी कार्य हम खुली आंखों से करते हैं, वो सभी कार्य हम चेतन मन (Conscious Mind) में रहकर ही संचालित करते हैं, खुली आंखों से कार्य का मतलब, जैसे अपने दैनिक कार्य, नहाना, खाना, पढ़ना, आफिस जाना, आदि आदि सभी कार्य चेतन मन (Conscious Mind) के द्वारा संचालित होते हैं। विज्ञान के अनुसार मस्तिष्क का वह भाग जिसमें होने वाली क्रियाकलापों की जानकारी हमें होती रहती है उसे चेतन मन (Conscious Mind) कहते हैं।

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अवचेतन मन (Subconscious Mind) किसे कहते हैं-इसे अर्धचेतन मन भी कहते हैं, मन के जितने कारोबार हमारी आंखे बन्द होने पर होते हैं वे सभी अवचेतन मन (Subconscious Mind) द्वारा संचालित होते हैं जैसे सपनें दिखाना, भविष्य में होने वाली बिमारी या खतरे का पूर्व में ही अहसास कराना, दूसरों के मन की बात हमारे मन में ले आना, अदृश्य वस्तुओं की झलक दिखा देना आदि ऐसे सभी कार्य जो छठी इन्द्री का हिस्सा होते हैं। वे सभी कार्य अवचेतन मन (Subconscious Mind) द्वारा संचालित होते हैं, अवचेतन मन, चेतन मन से अनंत गुना शक्ति शाली होता है। 

साथियों! यही अवचेतन मन (Subconscious Mind) सम्मोहन (Hypnotism) या हिप्नोटिज्म की विषय वस्तु है, सम्मोहन विज्ञान (Hypnotism) में इसी मन को नियंत्रित करके उसमें सकारात्मक सुझाव (Positive Suggestion) या सजेशन डाले जाते हैं। इसी सजेशन के द्वारा सम्मोहन कर्ता (Hypnotist) व्यक्ति के किसी भी अंग को सुन्न कर सकता है, जिससे डाक्टर उस अंग का आपरेशन कर सकते हैं, या सम्मोहन कर्ता (Hypnotist) चेतन मन (Conscious Mind) को सुला कर, अवचेतन मन (Subconscious Mind) को जाग्रत करके किसी व्यक्ति की मानसिक बिमारी को दूर कर सकता है, जादूगर, सम्मोहित व्यक्ति (Hypnotized Person) से काफी हद तक मनचाहे कार्य भी करा लेते हैं।

अब प्रश्न उठता है कि किसी को सम्मोहित (Hypnotized)  कैसे किया जाता है, किसी स्त्री या पुरूष को कोई चमकदार वस्तु दिखाकर या फिर उसकी आंखों में अपनी अपलक दृष्टि जमाकर उसे निद्रा की अवस्था में ले जाकर उसके अवचेतन मन (Subconscious Mind) को आगे लाया जाता है, और उसके अवचेतन मन में सकारात्मक सुझाव डाले जाते हैं और उसे उन सुझावों पर चलने के लिए तैयार किया जाता है। ये कार्य सम्मोहन या हिप्नोटिज्म के अंतर्गत आते हैं।

अब साथियों! प्रश्न उठता है कि सम्मोहन के कितने प्रकार होता हैं-(Kind of Hypnotism)-

सबसे पहले है आत्मसम्मोहन (Self hypnosis), साथियों आत्मसम्मोहन सभी सम्मोहनों का केन्द्र बिन्दु है, यदि हम खुद को सम्मोहित नहीं कर सकते तो हम दूसरों को कैसे सम्मोहित कर सकते हैं, इसलिए सबसे पहले हमें आत्मसम्मोहन (Self hypnosis) करके अपने आप को सकारात्मक सुझाव देकर अपनी कमियों, दुर्बलताओं को दूर करना चाहिए। अतः सबसे पहले हमें आत्मसम्मोहन का अभ्यास करना चाहिए।

दूसरा है पर सम्मोहन, अर्थात दूसरे को सम्मोहित करना, इसके द्वारा सम्मोहन कर्ता (Hypnotist) किसी दूसरे व्यक्ति को सम्मोहित करके उसके मानसिक विकार को दूर करने के लिए आवश्यक सुझाव देता है, या इसके माध्यम से सम्मोहन कर्ता दूसरों को चमत्कार भी दिखा सकता है।

तीसरा समूह सम्मोहन (Group hypnosis)-किसी भीड़ या समूह को सम्मोहित करना ही समूह सम्मोहन कहलाता है, इसमें सम्मोहन कर्ता पूरी सभा को या उसमें से किसी समूह को सम्मोहित करता है। बहुत से कथावाचक अपने श्रोताओं को इसी विधि से सम्मोहित कर लेते हैं।

चौथा  है प्राणी सम्मोेहन-पशु-पक्षियों को सम्मोहन करना ही प्राणी सम्मोहन कहलाता है। सर्कस में रिंगमास्टर अनेक प्रकार से उनकी आंखों में आंखे डालकर शेर, चीते, हाथियों आदि को सम्मोहित करते हैं।

पांचवा है परामनोविज्ञान सम्मोहन-परामनोविज्ञान का विषय बहुत विस्तृत है, इसमें किसी दूर बैठे व्यक्ति या समूह को सम्मोहित करना, सम्मोहित अवस्था में किसी खोई वस्तु का पता लगाना, आत्माओं से सम्पर्क करना, भूत-भविष्य के बारे में जानना आदि शामिल है। ऐसे सभी कार्य परामनोविज्ञान सम्मोहन के अंतर्गत आते हैं।

साथियों!! सम्मोहन कैसे करें?, हम किस प्रकार के व्यक्ति को सम्मोहित नहीं कर सकते, हम सम्मोहित व्यक्ति से क्या नहीं करा सकते, हिप्नोटिज्म या मैस्मेरज्म में क्या अन्तर है, सम्मोहन से किस प्रकार मानसिक इलाज करते हैं आदि आदि
विषयों पर भी मैं अलग से आलेख लेकर आउंगा। 
इस आलेख के बारे में आपकी क्या राय है मुझे जरूर बताइये, आलेख अच्छा लगा हो तो शेयर करना बिल्कुल न भूलें अगले आलेख तक के लिये अलविदा,  नमस्कार। जयहिन्द।
                             -लेखक-संजय कुमार गर्ग  sanjay.garg2008@gmail.com

7 टिप्‍पणियां :

  1. सैटिंग में जाकर फ़ालोब का विजेट भी लगाइए श्राीमान जी।

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  2. सम्मोहन के विषय में आपने विस्तार से समझाया है।आपको बहुत-बहुत बधाई।

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  3. अच्छी जानकारी

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  4. बेनामी2/20/2023

    Chetan avchetan man ke bare me apne Jo bataya wo bahut hi bahmulya hai

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आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुमूल्य है!