मुझे उठाने आया है वाइजे-नादां..मुक्तक और रूबाइयां-2

मुझे उठाने आया है वाइजे-नादां...
मुझे उठाने आया है वाइजे-नादां...
(1)
  मुझे     उठाने     आया    है    वाइजे-नादां,
 जो  उठा  सके  तो  मेरा सागरे-शराब  उठा 

किधर से  बर्क* चमकती है, देखें ऐ वाइज*
मैं अपना जाम उठाता हूं, तो किताब उठा।
-जिगर मुरादाबादी
*बिजली *धर्मगुरू
(2)
एक  बरस  में  एक  बार ही  जगती  होली  की  ज्वाला
एक   बार  ही  लगती  बाजी,  जलती  दीपों  की  माला
  दुनिया वालों किन्तु, किसी दिन, आ मदिरालय में देखो
दिन  की  होली, रात दिवाली, रोज  मनाती  मधुशाला।
-बच्चन जी
(3)
 और वे ख्वाब जिन्हें खुद तू यहां छोड़ गयी
 एक  बच्चे  की तरह  उंगली  पकड़  लेते हैं
 करते हैं  जिद  कि उन्हें तेरे घर सुला आऊं
 डाटता  हूं  तो  मुझे   देख   के  रो  देेते हैं।
'धनी नगर' नीरज जी
(4)
 मैं     पराजित    फेर    ये    मेरे    समय    का
पीटती   डंका     तडि़त*   मुझ   पर विजय का
 मेघ    हूं     मैं,    दो     घड़ी    आसूं     बहाकर
भार   हल्का   कर   लिया   करता   ह्दय   का
*बिजली
-विष्णु खन्ना
(5)
आ गया  हो ना  कोई भेष बदल कर देखो
दो कदम साए के हमराह भी चलकर देखो
मेहमां   रोशनियों !  सख्त अंधेरा  है यहां
पांव रखना  मेरी चैखट पे संभल कर देखो
-मखमूर सईदी
(6)
चाहे  युग-युग  से  है जीवन साथ गुजारा
फिर भी  कैसे हो  सकता है मिलन हमारा
सीमित है अस्तित्व बिन्दु तक केवल मेरा
और  वृत्त  का सा है यह विस्तार तुम्हारा।
-भूपेन्द्र कुमार स्नेही
संकलन-संजय कुमार गर्ग

7 टिप्‍पणियां :

  1. एक से बढ़कर एक पढ़वाने के लिए आभार संजय जी

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. कमेंट्स के लिए धन्यवाद! संजय जी!

      हटाएं
  2. सार्थक प्रस्तुति।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल शनिवार (17-01-2015) को "सत्तर साला राजनीति के दंश" (चर्चा - 1861)7 पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ...
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. कमेंट्स के लिए व् पोस्ट को अपने बहुचर्चित चिट्ठे में सम्मिलित करने के लिए धन्यवाद! आदरणीय शास्त्री जी!

      हटाएं
  3. कमेंट्स के लिए धन्यवाद! आदरणीय ओंकार जी!

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. कमेंट्स के लिए धन्यवाद! आदरणीया प्रतिभा जी!

      हटाएं

आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुमूल्य है!