
1-पूजा
घर के लिये ईशान (उत्तर-पूर्वी-North-East) दिशा सबसे उपयुक्त मानी गयी
है। यह दिशा उत्तर व पूर्व दोनों शुभ दिशाओं से युक्त है। घर में पूजा घर
ईशान दिशा में बनाने से सुख-समृद्धि व शान्ति की वृ़िद्ध होती है।
2-घर के पूजा घर में कभी स्थिर प्रतिमा नहीं लगानी चाहिये, गृहस्थ के लिये यह ठीक नहीं है, कागज की तस्वीरें व छोटी मूर्तियाँ लगा सकते हैं।
3-यथा सम्भव शयनकक्ष व रसोई में पूजा घर नहीं बनाना चाहिये।
4-पूजा घर के ऊपर या नीचे टायलेट नहीं होना चाहिये।
5-पूजा घर का आकार(Shape) पिरामिड(Pyramid) जैसा हो तो बहुत ही लाभदायक है।
6-पूजा घर का दरवाजा स्वयं बन्द व खोलने वाला नहीं होना चाहिये।
2-घर के पूजा घर में कभी स्थिर प्रतिमा नहीं लगानी चाहिये, गृहस्थ के लिये यह ठीक नहीं है, कागज की तस्वीरें व छोटी मूर्तियाँ लगा सकते हैं।
3-यथा सम्भव शयनकक्ष व रसोई में पूजा घर नहीं बनाना चाहिये।
4-पूजा घर के ऊपर या नीचे टायलेट नहीं होना चाहिये।
5-पूजा घर का आकार(Shape) पिरामिड(Pyramid) जैसा हो तो बहुत ही लाभदायक है।
6-पूजा घर का दरवाजा स्वयं बन्द व खोलने वाला नहीं होना चाहिये।
7-पूजा घर के अन्दर जूते-चप्पल, झाडू बिल्कुल नहीं होने चाहिये।
8-किसी प्रकार की खण्डित प्रतिमा पूजा घर के अन्दर नहीं होनी चाहिये।
9-भगवान की तस्वीर या मूर्ति दरवाजे के ठीक सामने न रखें।
10-मूर्तियों का आकार छोटा होना चाहिये, बड़ी मूर्तियां घर के पूजाघर में वर्जित हैं।
11-गणेश जी की प्रतिमा पूर्व या पश्चिम दिशा में नहीं रखनी चाहिये, गणेश जी की स्थापना के लिये सही दिशा दक्षिण है।
12-हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति उत्तर दिशा में स्थापित करनी चाहिये ताकि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर रहे।
13-घर के अन्दर शिवालय (शिवलिंग) बनाना वर्जित है परन्तु आप अन्य देवी-देवताओं के साथ भगवान शिव की तस्वीर या मूर्ति रख सकते हैं।
14-पूजा के बाद बची भभूत, बत्ती, मालायें आदि जल में प्रवाहित कर दें।
15-घर में जिस दिशा में मन्दिर हो उस ओर पैर करके नहीं सोना चाहिये।
16-पूजाघर की दीवारों का रंग सफेद या हल्का पीला (Light Yellow) उत्तम रहता है।
17-पूजाघर में सम्भव हो तो उत्तर या पूर्व की खिड़की अवश्य रखें, दरवाजा भी इधर ही हो तो और अच्छा है।
9-भगवान की तस्वीर या मूर्ति दरवाजे के ठीक सामने न रखें।
10-मूर्तियों का आकार छोटा होना चाहिये, बड़ी मूर्तियां घर के पूजाघर में वर्जित हैं।
11-गणेश जी की प्रतिमा पूर्व या पश्चिम दिशा में नहीं रखनी चाहिये, गणेश जी की स्थापना के लिये सही दिशा दक्षिण है।
12-हनुमान जी की तस्वीर या मूर्ति उत्तर दिशा में स्थापित करनी चाहिये ताकि उनका मुख दक्षिण दिशा की ओर रहे।
13-घर के अन्दर शिवालय (शिवलिंग) बनाना वर्जित है परन्तु आप अन्य देवी-देवताओं के साथ भगवान शिव की तस्वीर या मूर्ति रख सकते हैं।
14-पूजा के बाद बची भभूत, बत्ती, मालायें आदि जल में प्रवाहित कर दें।
15-घर में जिस दिशा में मन्दिर हो उस ओर पैर करके नहीं सोना चाहिये।
16-पूजाघर की दीवारों का रंग सफेद या हल्का पीला (Light Yellow) उत्तम रहता है।
17-पूजाघर में सम्भव हो तो उत्तर या पूर्व की खिड़की अवश्य रखें, दरवाजा भी इधर ही हो तो और अच्छा है।
[पाठकगण! यदि उपरोक्त विषय पर कुछ पूछना चाहें तो कमेंटस कर सकते हैं, या मुझे मेल कर सकते हैं!] लेखक-संजय कुमार गर्ग sanjay.garg2008@mail.com
(सभी चित्र गूगल-इमेज से साभार!)
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बहुत सुन्दर जानकारी.
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट : मन का अनुराग
कमेंट्स के लिए धन्यवाद! आदरणीय राजीव जी!
हटाएंGood one
जवाब देंहटाएंआदरणीया अर्चना जी, ब्लॉग को पढ़ने व् कमेंट्स करने के लिए सादर धन्यवाद!
हटाएंAgar kisi k paas keval ek hi room ho to use kis taraf chhota Mandir rakhna chahiye
हटाएंनूपुर जी! मंदिर NE में ही उत्तम है, आप चाहे तो उसे N में भी बना सकते हैं, यदि कमरा बैडरूम भी है तो मंदिर पर परदा अवश्य लगाये ! कमेंट्स के लिए धन्यवाद!
हटाएंक्या घर के मंदिर के पिलर या दरवाजे में किसी प्रकार का design दे सकते हैं?
जवाब देंहटाएंYour Article is so good and readble thanx for sahring this content. Vastu expert is a person who is trained in vastu shastra and is capable of assisting you with issues concerning vastu consultant .
जवाब देंहटाएंThis post is extremely radiant. I extremely like this post. It is outstanding amongst other posts that I’ve read in quite a while. Much obliged for this better than average post. I truly value it! vastu shastra
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