वास्तु और रसोईघर! |
प्रस्तुत हैं किचिन के
लिये कुछ महत्वपूर्ण
वास्तु जानकारियां-
1-रसोई के लिये सबसे महत्वपूर्ण दिशा आग्नेय कोण (SE) मानी जाती है।
2-यदि
किसी कारणवश घर के आग्नेय कोण में रसोई नहीं बन सके तो इसका निर्माण घर के
नैरूत (SW) या वायव्ह (NW) हिस्से के आग्नेय भाग में किया जा सकता है।
वैसे ये रसोईघर अतिथियों की संख्या में वृद्धि करती है।
3-गैस का चूल्हा या कुकिंग रेंज को रसोई घर के दक्षिण पूर्वी (SE) कोने में रखा जाना चाहिये।
5-रसोई में खाना बनाते समय गृहणी का मुंह पूर्व (E) दिशा की ओर होना चाहिये।
6-बाहर के दरवाजे से चूल्हा नहीं दिखायी देना चाहिये।
7-पानी संग्रहित करने के उपकरण जैसे आर ओ, पानी फिल्टर, मटका, जग आदि का सही स्थान उत्तर-पूर्व (NE) होता है।
8-सिंक (बर्तन साफ करने का स्थान) का उचित स्थान दक्षिण (S) दिशा है।
9-बिजली से चलने वाले उपकरण रखने की दिशा दक्षिण-पूर्व (SE) या दक्षिण (S) दिशा उचित है।
10-फ्रिज पश्चिम (W), दक्षिण (S), या दक्षिण-पूर्व (SE) दिशा में रखना चाहिये। यदि इसे दक्षिण-पश्चिम (SW) दिशा में फ्रिज दीवार से 1-2 फुट हटाकर रखा जा सकता है।
11-खाने के लिये प्रयोग की जाने वाली सामग्री जैसे अनाज, दालें, चीनी आदि को रखने का स्थान दक्षिण (S) या पश्चिमी (W) दीवार पर बनाना चाहिये।
12-वास्तु के अनुसार रसोईघर के बराबर में शौचालय नहीं होना चाहिये।
13-रसोई का दरवाजा उत्तर-पूर्व (NE) या पश्चिम (W) दिशा में खुलना चाहिये।
14-एग्जास्ट फैन (Exhaust Fan) पूर्वी (E) या उत्तरी (N) दिशा की दीवार पर होना चाहिये।
15-जहां तक संभव हो रसोई घर में पूजा का स्थान नहीं होना चाहिये।
वास्तु के ये आलेख भी पढें-
-लेखक-संजय कुमार गर्ग sanjay.garg2008@gmail.com (All rights reserved.)
[पाठकगण! यदि उपरोक्त विषय पर कुछ पूछना चाहें तो कमेंटस कर सकते हैं, या मुझे मेल कर सकते हैं! Whats-app 8791820546]
(चित्र गूगल-इमेज से साभार!)
वास्तु से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी ... आभार साझा करने के लिए ...
जवाब देंहटाएंआदरणीय दिगम्बर जी, ब्लॉग पर आने व् कमेंट्स करने सादर आभार!
हटाएंUpyogi jankari...
जवाब देंहटाएंकमेंट्स के लिए धन्यवाद! आदरणीय चतुर्वेदी जी!
हटाएंyour article is more informative,and useful manner.i have more interest in vaastu ,also practicing it,your article is one of my guidance,i eagerly waiting for your next article.thanks for sharing.
जवाब देंहटाएंआदरणीय श्रवण जी, सादर नमन! ब्लॉग को पढ़ने व् मुझे उत्साहित करने के लिए सुन्दर सा कमेंट्स लिखने के लिए सादर आभार!
हटाएंbahut achhaa laga artical
जवाब देंहटाएंWith thanks for Comments! Suraj Ji!
हटाएंआरो या पानी संग्रहित को south मे रखने पर क्या होगा please reply
जवाब देंहटाएंराहुल जी! पानी रखने सही दिशा NE, North होती है, क्योंकि ये जलतत्व की दिशा हैं, अब दक्षिण में रखने का प्रश्न है इस दिशा में पानी रखने के गृहस्वामी या गृहस्वामिनी के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और शुक्र की दिशा होने के कारण, पति-पत्नी में तनाव व मतभेद भी हो सकते हैं!
हटाएंआरो या पानी संग्रहित को south मे रखने पर क्या होगा please reply
जवाब देंहटाएंराहुल जी! पानी रखने सही दिशा NE, North होती है, क्योंकि ये जलतत्व की दिशा हैं, अब दक्षिण में रखने का प्रश्न है इस दिशा में पानी रखने के गृहस्वामी या गृहस्वामिनी के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ेगा और शुक्र की दिशा होने के कारण, पति-पत्नी में तनाव व मतभेद भी हो सकते हैं!
हटाएंMain gate ke samne kitchan hone se bura asar hoga?
जवाब देंहटाएंAgarbura assar ka swastik se nidan ha. Pl.reply
नमस्कार जी, आप किचिन पर एक झीना परदा डाल कर रख सकते हैं, गेट पर स्वास्तिक-गणेश जी की प्रतिमा अनेकों वास्तु दोष को दूर कर सकती हैं!
हटाएंमैं नया मकान बनवा राहा हुं जिसमें पुजा घर के दरवाजे दक्षिण दिशा में है उत्तर और दक्षिण में जगह नहीं है कुछ उपाय बतानेकष्ट करें।
जवाब देंहटाएंआदरणीय राकेश जी! पूजा करते समय आपका मुख् किस और रहता है, किसी भगवान की प्रतिमा का मुख् किस ओर है? यदि उपरोक्त बातें ठीक हैं तो दरवाजे की दिशा को नजरअंदाज किया जा सकता है, इसके लिए आप मेरा पूजा घर के लिए वास्तु का आलेख पढ़िए! धन्यवाद!
हटाएंVery nice article... thanks you..
जवाब देंहटाएं