ब्रेन हेमरेज से बचना हैं तो इस दिशा में भूलकर ना सोयें...Best Sleeping Direction as per Vastu

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सोना हमारे जीवन मे उतना ही आपश्यक है जितना कि भोजन करना, पानी पीना आदि, यदि हम सही से नींद नहीं लेते तो अगले दिन हमारा शरीर पूरे दिन सुस्त व थका हुआ सा रहता है। अतः एक अच्छी नींद हमारे अगले दिन को ऊर्जावान, स्फूर्तिवान व सुहाना बना सकती है वहीं ठीक से न आयी नींद हमारा अगला पूरा दिन खराब भी कर सकती है।
वास्तुशास्त्र हमारे जीवन में जन्म से लेकर मरण तक में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हम कैसे स्थान पर सोते हैं ये तो महत्वपूर्ण है ही परन्तु हमारे सोने की दिशा क्या है इसका भी महत्वपूर्ण प्रभाव हमारी नींद में पड़ता है और वास्तु शास्त्र इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वास्तु शास्त्र सोने के लिए एक ऐसे वातावरण का निर्माण करता है जो हमारे शरीर के साथ हमारे मानसिक स्वास्थ्य को तो सबल बनाता ही है साथ ही हमारे अगले दिन को और अधिक ऊर्जावान और तरोताजा बनाता है।

सोने के लिए हमें एक सही दिशा को क्यों चुनना जरूरी है?

एक अनुभवी  वास्तुविद् आपको एक अच्छी स्वस्थ्यप्रद नींद लेने के लिए आपके बैडरूम में एक सही स्थान व सही दिशा चुनने में आपकी सहायता करता है। यह नींद आपके स्वास्थ्य, ऊर्जा, व आपकी सकारात्मक सोच के लिए आवश्यक है। सोने की एक गलत दिशा से आप अस्वथ्य हो सकते हैं, आपको मास्तिष्क संबंधी समस्याऐं हो सकती हैं, और आप मानसिक रूप से भ्रमित भी हो सकते हैं।


सोने के लिए हमें किस दिशा में सोना चाहिए?

यह चर्चा आवश्यक है कि सोने के लिए कौन सी दिशा सही है, क्योंकि किस दिशा में सोने से क्या लाभ मिल सकते हैं ये वास्तु में विस्तार से बताया गया है। क्योंकि सही दिशा में सोने से हमें गहरी नींद और स्वस्थप्रद नींद आती है।

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उत्तर दिशा में सिर करके सोने से क्या होता है?

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मानव का शरीर एक चुंबक की तरह होता है जिसका उत्तरी ध्रुव उसका सिर होता है। यदि हम अपने उत्तरी ध्रुव  यानि अपने सिर को उत्तर दिशा की ओर रखते हैं, तो इससे हम शरीर की चुंबक और पृथ्वी की उत्तरी ध्रुंव की चुंबक को एक दूसरे के सामने रख देते हैं, इससे दोनों चुंबकें एक दूसरे को पीछे धकेलने का प्रयास करती हैं। क्योंकि पृथ्वी की चुंबकीय शक्ति के मुकाबले हमारे शरीर का तो कोई अस्तित्व ही नहीं है। इसलिए पृथ्वी की शक्तिशाली चुंबकीय शक्ति हमारे शरीर की जीवनदायनी ऊर्जा को नष्ट करती हैं, जिससे हमारी आयु का क्षरण होता है, शरीर का रक्त संचार प्रभावित होता ही है, साथ ही चुंबकीय प्रभाव के कारण हमारा मस्तिष्क तनावग्रस्त रहता है जिससे ब्रेनहेमरेज, मस्तिष्क आघात का खतरा बना रहता है। एक दूसरा कारण भी है कि उत्तर दिशा मे सिर करके सोने से हमारे पैर दक्षिण में हो जाते हैं, दक्षिण दिशा को यम यानि मृत्यु के देवता की दिशा माना जाता है और उस तरफ पैर करने का तात्पर्य ये होता है कि यम की तरफ बढ़ना या मृत्यु की ओर अग्रसर होना। अतः यदि हम मृत्यु की ओर अपने जीते जी नहीं जाना चाहते तो हमें दक्षिण की ओर पैर और उत्तर दिशा की ओर सिर करके कदापि नहीं सोना चाहिए।

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उत्तर दिशा में सिर करके कौन सो सकता है?

ज्ञान को बढ़ाने की दृष्टि से ये एक विचारणयीय प्रश्न हैं। जिन्दा इंसान को तो इस दिशा में बिल्कुल नहीं सोना चाहिए। कारण मैं ऊपर बता चुका हूं। हां हिन्दू व अन्य धर्म जिनमें शव को जलाने की परंपरा है उनमें मृतकों को जलाने से पहले उत्तर दिशा में सिर करके लिटाया जाता है और उनके पैर दक्षिण दिशा में रहते हैं। अतः केवल मृतकों को ही उत्तर दिशा की ओर लिटाया जाना चाहिए, जीवित व्यक्ति को नहीं। 


पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोना कैसा रहता है?

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पूर्व दिशा जिसके स्वामी सूर्य ग्रह हैं और ये दिशा वास्तु पुरूष के मुंह का भी प्रतिनिधित्व  करती है। यह दिशा नये और रचनात्मक विचारों का भी प्रतिनिधित्व करती है। इसकी ओर सिर करके सोने से हमारी एकाग्र शक्ति और याद रखने की क्षमता बढ़ती है, हमारी आयु लम्बी होती है। अध्यापकों, विद्यार्थियों, लेखकों, वैज्ञानिकों, आदि को इसी दिशा मे सोने से बहुत लाभ होता है। इस दिशा की ओर सिर करके सोने से हमारा मन भटकता नहीं है, और विषय विशेष पर जहां भी उसे एकाग्र किया जाता है वहीं एकाग्र रहता है। इस दिशा में सोने से कुल मिलाकर हमारा मस्तिक और अधिक सक्रिय होता है क्योंकि उसे सूर्य ग्रह से ऊर्जा मिलती है और उसकी चार्जिंग होती है। इसलिए व्यक्ति सुबह उठने पर अपने आप को तरोताजा महसूस करता है। कुछ वास्तुविद् मानते हैं कि बुजुर्गों को तो हमेशा पूर्व की ओर सिर करके सोना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें आध्यात्मिक चिंतन, ध्यान साधना और गहरी नींद में मदद मिलती है। जो व्यक्ति लंबे समय से किसी बीमारी से जूझ रहें हैं उन्हें स्वास्थ्य लाभ के लिए वास्तुविद् पूर्व दिशा की ओर मुंह करके सोने की सलाह देते हैं।

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पश्चिम दिशा की ओर सिर करके सोना कैसा रहता है?

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वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा के स्वामी वरूण हैं और शनि इसके प्रतिनिधि ग्रह हैं। पश्चिम दिशा से कालपुरूष के पेट, प्रजनन अंग एवं गुप्तांग आदि का विचार किया जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा सोने के लिए एक तटस्थ दिशा है यानि ना तो अच्छी ना ज्यादा बुरी है। इसका तात्पर्य यह भी होता है कि इसमें सोने से नींद तो आ जाती है परन्तु ज्यादा अच्छी नींद नहीं आती, आप अगले दिन सुबह उठकर अपने को तरोताजा महसूस नहीं करेेगे। ये भी हो सकता है आप सुबह देर से उठ पायें। अतः यह दिशा भी सोने के लिए ज्यादा अच्छी नहीं मानी जाती। 


पश्चिम दिशा की ओर सिर करके किसे सोना चाहिए ?

वास्तु में कहा गया है कि इस दिशा की ओर मुंह करके मेहमान का बिस्तर बिछाना चाहिए। अतः घर में आने वाले मेहमान इस दिशा की ओर सिर करके सो सकते हैं। वैसे कुछ वास्तु विशेषज्ञों का मानना है कि पढ़ने वाले बच्चों को अपना सिरहाना पश्चिम दिशा की ओर रखना चाहिए।

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दक्षिण दिशा में सिर करके सोना चाहिए या नहीं?
 

सोने की सबसे अच्छी दिशा कौन सी है?

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वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार सोने की सबसे अच्छी दिशा दक्षिण दिशा मानी जाती है। वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय किये गये अनुसंधानों से भी पता चला है कि जो व्यक्ति दक्षिण की ओर सिर करके सोते हैं उन्हें दिल यानि हार्ट की बिमारियों  का सामना नहीे करना पड़ता। साथ ही वह मस्तिष्क संबंधी बिमारियों से भी बचे रहते हैं। इस दिशा में सोने से व्यक्ति गहरी और अच्छी नींद ले पाने में सफल होता है। वास्तु विशेषज्ञों का कहना है कि यदि विवाहित स्त्री-पुरूष उत्तम संतान पाना चाहते हैं तो उन्हें हमेशा इस दिशा में सिर करके संबंध बनाने चाहिए।


अन्य दिशाओं की ओर सिर करके सोना कैसा रहता है?


यदि हम उत्तर-पूर्व दिशा या ईशान दिशा की सिर करके सोते हैं तो उत्तर का चुंबकीय क्षेत्र इस दिशा में आपकी गहरी नींद में बाधा पहुंचा सकता है।

यदि हम दक्षिण-पश्चिम दिशा यानि नैरूत की बात करें तो यह भी सोने के लिए सही दिशा हो सकती है, इस दिशा में सोने से भी अच्छी नींद आती है यदि आप दक्षिण की ओर सिर करके नहीं सो सकते तो इस दिशा की ओर सिर करके सो सकते हैं।

यदि हम दक्षिण-पूर्व यानि आग्नेय दिशा की बात करें तो यह दिशा भी दक्षिण दिशा में ना सो सकने वालों के लिए एक वैक्लपिक दिशा हो सकती है, सोने के लिए यह दिशा भी अच्छी मानी जाती है। परन्तु यह दिशा सोने वालों के दिमाग को गर्म कर सकती है, उनके ब्लडप्रेशर को बढ़ा सकती है। यदि आप हाईब्लड प्रेशर से ग्रस्त हैं तो इस दिशा में सोने से बचना चाहिए।

यदि हम उत्तर-पश्चिम यानि वायव्य कोण की बात करें तो यह दिशा सोने के लिए ठीक ठाक होती है ज्यादा अच्छी नहीं मानी जाती। कुछ वास्तु विशेषज्ञों को मानना है कि इस दिशा में अविवाहित बच्चों को सोना चाहिए इससे उनके जल्द विवाह की संभावना बनती हैं।

अच्छी नींद लेने के लिए कुछ वास्तुनुसार टिप्स-

1-जिस कमरे या बैडरूम में आप सो रहे हैं उसके प्रवेश द्वार की ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए, इससे आपको अच्छी नींद नहीं आयेगी, आपको बुरे सपनें भी आ सकते हैं।

2-घर के स्वामी का बैडरूम बच्चों का कमरा, और मेहमानों के कमरे अलग-अलग वास्तु के अनुसार बनवाये जाने चाहिए।

3-यदि आपके बैडरूम में बीम है तो बीम के नीचे नहीं सोना चाहिए। यह आपके मन में चिंताओं को जन्म देता है, और दुर्भाग्य को लाता है। अतः बीम के नीचे सोने से बचना चाहिए।

4-सोने के समय अपने पास फोन, टैब, लेपटाॅप आदि अन्य इलैक्ट्रोनिक सामान को नहीं रखना चाहिए। इनसे निकलने वाली वैव्स आपकी गहरी नींद में तो दखल देगी ही साथ ही आपके स्वास्थ्य के लिए भी ये खतरनाक हो सकती हैं। लेबनान में पेजर, मोबाइल, वाॅकी-टाॅकी फटने के बाद से तो हमें इन इलैक्ट्रानिक उपकरणों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।

5-बैड के नीचे जूते-चप्पलों भी नहीं रखने चाहिए ये भी जीवन में दुर्भाग्य ला सकते हैं।

6-बैड को बिल्कुल कमरे के कोने में नहीं रखना चाहिए, बैड के दोनों तरफ थोड़ी जगह अवश्य छोड़नी चाहिए।

तो साथियों आपको ये पोस्ट कैसी लगी कमैंटस करके जरूर बतायें। कोई जिज्ञासा हो तो कमैंटस करें या फिर मुझे मेल करें। अगली आलेख तक के लिए मुझे आज्ञा दीजिए, नमस्कार जयहिन्द।
प्रस्तुति: संजय कुमार गर्ग, वास्तुविद्, एस्ट्रोलोजर   
sanjay.garg2008@gmail.com
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