यदि भवन का निर्माण वास्तु के प्रतिकूल किया जाता है तो वे अनेक प्रकार की समस्याओं को जन्म देते हैं। मल्टीस्टोरी बिल्डिंग तेजी से बनती जा रही हैं, संयुक्त परिवार से अलग रहने की चाह नवयुगल (नवविवाहित पति-पत्नि) को ऐसे वास्तु के विपरित बने फ्लैट में ले जा रही हैं। जहां पहले तो ऐसे फ्लेट में रहने से नवयुगल में झगड़े ही प्रारम्भ हो जाते हैं, यदि प्रेम से रहते भी हैं तो बच्चे की चाहत ही नहीं होती, उनका मानना है ‘‘हम अच्छे क्या करने हैं बच्चे’’, क्योकि दोनों ही जाॅब में होते हैं, यदि दोनों जाॅब में भी ना हों तो विशेष रूप से नवविवाहित हिन्दू परिवारों में ये ट्रेंड बढ़ता जा रहा है, बच्चे पैदा ही नहीं करते, करते हैं तो बस एक बच्चा ही करते हैं, इस ट्रेन्ड के परिणाम भयानक होंगे। नवविवाहित इस गलत ट्रेन्ड को छोड़ दें। और यदि नवविवाहित गलती से नीचे बताये गये वास्तु दोषयुक्त फ्लेट में पहुंच गये तो एक बच्चा होना भी मुश्किल हो जाता है, किसी तरह हो भी जाता है तो ईश्वर ना करें वो कोई लाईलाज बिमारी लेकर पैदा हो।
साथियों! यदि आपका कहना है कि हमारे तो पहले से ही एक या दो बच्चे हैं, हमें और बच्चे करने ही नहीं हैं तो हमें यह मकान या फ्लैट कोई समस्या देगा ही नहीं? यदि आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप गलत हैं ऐसे मकान या फ्लैट उत्पन्न हो चुकी संतान के स्वभाव व स्वास्थ्य को भी प्रभावित करते हैं ऐसा मेरा निजी अनुभव है। इस पर में अलग से एक लेख लेकर आउंगा।
अतः साथियों! किसी फ्लैट या मकान में जाने से पहले नीचे बतायी गयी बातों का विशेष ध्यान रखें नही तो बाद में आपको अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
1-यदि वह मकान या फ्लैट पश्चिम (West) दिशा से खाली है। या इस हिस्से को अन्य दिशाओं से नीचा बनाया गया है।
2-मकान या फ्लैट की उत्तरी (North) दिशा थोड़ी सी खाली जरूर हो या फिर यह दिशा अन्य दिशाओं से नीची हो।
3-यदि मकान या फ्लैट की ईशान दिशा (North-East) में टाॅयलेट बना हो, यदि वहां कूढ़ा इत्यादि डालने का स्थान बनाया गया हो।
4-यदि मकान या फ्लैट की ईशान दिशा (North-East) अन्य सभी दिशाओं से ऊंची हो तो यह संतति सुख में बहुत बड़ी बाधा डालता है।
5-यदि पूर्व (East) दिशा में ज्यादा ऊंचाई हो तो भी वंश हानि या संतान सुख प्राप्ति की संभावना नहीं होती ।
6-यदि दक्षिण दिशा (South) की ओर मकान या फ्लैट बढ़ा हुआ हो, क्योंकि यह मृत्यु का स्थान है अतः यह बढ़ा हुआ मकान या फ्लैट बार-बार संतान की हानि कराता है।
7-यदि मकान या फ्लैट का स्वामी पूर्व (East) में बने बैडरूम में सोता हों, इससे कारण भी बांझपन व दरिद्रता आती है।
8-यदि प्रवेश द्वार पर बनी सीढ़िया ज्यादा ऊंची बनायी गयी हो तो भी संतति सुख नष्ट होने की संभावना रहती है।
9-यदि उत्तर मुखी (North Faced) द्वार हो, व पूर्वी दीवारें टेढ़ी-मेढ़ी हों तो मंद बुद्धि या विकृत शारीरिक अंग वाली संतान की संभावना रहती है।
अंत में यह ध्यान रखें कि मकान या फ्लैट का उत्तरी, पूर्वी, ईशान दिशा का भाग नीचा हो तो तथा दक्षिणी (South), पश्चिमी (West), नैरूत (South-West) स्थान ऊंचा होना चाहिए।
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आपके कमैंटस की प्रतिक्षा रहेगी, अगले आलेख तक के लिए मुझे आज्ञा दीजिये,
नमस्कार जय हिन्द!
-वास्तुविद्-संजय कुमार गर्ग 6396661036
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