VASTU TIPS : जूते चप्पल भी बिगाड़ते हैं घर का वास्तु !

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जूते चप्पल भी बिगाड़ते हैं घर का वास्तु ! 
अनेकों बार जान-बूझकर या अनजाने में हम अपने जूते-चप्पलों को घर में सही जगह पर रखकर उन्हें इधर-उधर निकाल देते हैं। यह सही नहीं हैं क्योंकि घर के लोग या बाहर से आने वाले लोग अपने जूते-चप्पलों के साथ नेगेटिव एनर्जी भी घर में ले कर आ सकते हैं। इससे वास्तु अनुकूल बने मकान पर भी इसका विपरित प्रभाव पड़ता है। अतः हमें मुख्य दरवाजे के बाहर ही जूते-चप्पलों की व्यवस्था करनी चाहिए। 


जूते-चप्पलों के संबंध में कुछ वास्तु सुझाव- (Jute Chappal Aur Vastu)

1-जूते-चप्पल रखने के लिए एक अलग अलमारी या रैक हो जो कि मुख्य दरवाजे से 2 या 2.5 फुट की दूरी पर हो।

2-जूते की रैक या अलमारी में रखे जूते-चप्पल बाहर से दिखाई नहीं देने चाहिए। इसमें दरवाजा लगा होना चाहिए। क्योंकि घर के मुख्या दरवाजे से ही घर में पाॅजेटिव एनर्जी प्रवेश करती है इसलिए इस ऊर्जा के घर में प्रवेश में कोई व्यवधान नहीं होना चाहिए।

3-जूते-चप्पल की अलमारी कभी घर में बने पूजा घर या रसोई की दीवार से मिलाकर न रखी जाये, इससे वास्तु दोष उत्पन्न होता है।

4-खाना बनाते समय या खाना खाते समय कभी जूते-चप्पल नहीं पहनने चाहिए। शादी आदि जूते-चप्पल पहनकर खाना मजबूरी होती है इसमें कोई विशेष समस्या नहीं है।

5-घर के पूर्व-उत्तर (ईशान)  (N-E) या आग्नेय दिशा (S-E) में जूते-चप्पल की रैक या अलमारी कभी नहीं बनवानी चाहिए।

6-जूते-चप्पल की अलमारी रखने के लिए वायव्य यानी उत्तर-पश्चिम (N-W) व नैरूत  यानी दक्षिणी-पश्चिमी (S-W) दिशा सबसे सही जगह मानी जाती है, इन्हीं दिशाओं में जूते-चप्पल की रैक बनायी जानी श्रेष्ठ होती है।

7-घर में यदि जूते-चप्पल बिखरे रहते हैं तो ये घर के सदस्यों में आपस में मतभेद व संबंध खराब कर सकते हैं, अपने सही स्थान पर जूते-चप्पलों को रखें।

8-यदि आपके पास रहने के लिए केवल एक ही कमरा है तो आप उस कमरे की उत्तर (N) व पूर्व (E) दीवार से सटाकर जूूते-चप्पलों की अलमारी या रैक न बनाये।

9-यदि आपकी किसी अलमारी में लाॅकर है और उसमें आप धन संग्रह करते हैं तो उस अलमारी के नीचे की रैक में जूते-चप्पल की अलमारी बिल्कुल न बनाएं इससे आपको धन की हानि हो सकती है।

10-आप जिस बैठ पर सोते हैं उसके नीचे जूते-चप्पल इकट्ठे नहीं करने चाहिए इससे आपके स्वास्थ्य में कमी आ सकती है और पति-पत्नि में तनाव पैदा हो सकता है।

तो साथियों आपको ये आलेख कैसा लगा कमैंटस करके बताना न भूलें, अगले आलेख तक के लिए मुझे आज्ञा दीजिए नमस्कार जयहिन्द।
                प्रस्तुति: संजय कुमार गर्ग, वास्तुविद् 6396661036

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