Wall Clock Vastu Tips : वास्तु के अनुसार घड़ी लगाने की सही दिशा जान लें!

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समय (Time) की महत्ता 
का वर्णन करते हुए महर्षि चाणक्य ने ‘चाणक्य नीति’ के चतुर्थ अध्याय में एक श्लोक लिखा है-
कः कालः कानि मित्राणि को देशः कौ व्ययागमौ।
कस्माहं का च मे शक्तिरिति चिंत्यं मुहुर्मुहुः।। 18।।

अर्थात काल (समय) क्या है, कौन मित्र है, देश कौन है, व्यय कितना है, आय कितनी है, और मुझमें कितनी शक्ति है, मनुष्य को इन सब बातों का विचार करते रहना चाहिए।

‘काल क्या है? ‘काल’ समय (Time) को कहते हैं, यानि समय का हमें पता रहना चाहिए, पता कैसे चलेगा? जब हमारे पास घड़ी होगी, इसका तात्पर्य है महर्षि चाणक्य ने भी समय या घड़ी के महत्व हो समझा, इससे पता चलता है कि समय का कितना महत्व प्राचीन काल में भी था और आज के समय में टाइम या समय का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। इसलिए वास्तु में भी समय यानि समय (टाइम) दिखाने वाली घड़ी का अत्यंत महत्व है। 
यदि हमारे घर, आफिस, व्यापार स्थल में वास्तु के अनुसार घड़ी सही स्थान पर लगायी गयी है तो  उसका प्रत्यक्ष प्रभाव हमारी जीवन में दृष्टिगोचर होता है। आज के आलेख में हम घड़ी के बारे में कुछ वास्तु सुझाव दे रहे हैं-

1-बन्द पड़ी घड़ी कभी भी नहीं लगानी चाहिए, यह हमारे समय, प्रगति और भाग्य के रूक जाने का संकेत करती है। अतः बन्द पड़ी घड़ी में तुरंत सेल डालने चाहिए, खराब है तो उसे रिपेयर करानी चाहिए। कुछ खराब पड़ी घड़ियों को हम अपने इमोशनल अटैचमेन्ट की वजय से फैकना नहीं चाहते, परन्तु उन्हें तुरन्त उस स्थान से हटा देना चाहिए।

2-घड़ी लगाने की सही दिशा उत्तर (North) या पूर्व (East) दिशा है, क्योंकि इन दोनों दिशाओं को वृद्धि की दिशा माना गया है, साथ ही ये दिशाएं शुभ दिशाएं भी कहलाती हैं, पूजा इत्यादि में भी इन्हीं दिशाओं की ओर मुंह करके बैठना शुभ माना जाता हैं। अतः हमें अपने आफिस या घर में हमेशा उत्तर या पूर्व दिशाओं में से किसी दिशा में घड़ी लगानी चाहिए।

3-प्रवेश द्वार के ऊपर भी घड़ी नहीं लगानी चाहिए, इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है, घर या आफिस में परेशानियां बढ़ने लगती है।

4-दक्षिण दिशा (South) में कभी भी घड़ी नहीं लगानी चाहिए यह प्रेत और पितरों की दिशा होती है, इससे घर में रहने वाले व्यक्तियों का स्वास्थ्य खराब होता है, और उनकी उन्नति में बाधा आती है।

5-वास्तु में घड़ी के समय को आगे या पीछे रखना भी वर्जित किया गया है, घड़ी को सही समय पर रखना चाहिए, क्योंकि सही समय हमें वर्तमान में रहना सिखाता है।

6-उत्तर या पूर्व दिशा में सही समय दिखाने वाली, पेेंडुलम वाली घड़ी को उत्तम बताया गया है, यदि उसमें से मधुर संगीत की ध्वनि हो तो वह और भी उत्तम है।

तो साथियों आपको ये आलेख कैसा लगा कमैंटस करके बताना न भूलें, अगले आलेख तक के लिए मुझे आज्ञा दीजिए नमस्कार जयहिन्द।
प्रस्तुति: संजय कुमार गर्ग वास्तुविद् 6396661036

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