हाइपरसोमनिया : क्या आपको ज्यादा नींद आती है? जानें लक्षण और उपाय

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क्या आपको ज्यादा नींद आती है? क्या आप कार-बस आदि में बैठते ही सो जाते हैं? क्या आप अपना शरीर पूरे दिन थका-थका महसूस करते हैं? तो हो सकता है आप हाइपर सोमानिया की समस्या से जूझ रहे हों।
हाइपर सोमानिया एक ऐसी स्थिति है जिसमेें व्यक्ति रात में 7-8 घंटे की पूरी  नींद लेने के बाद भी दिन में जाग कर अपना काम करने में कठिनाई महसूस करता है। इस समस्या से पीड़ित व्यक्ति कहीं भी और कभी भी सो जाते हैं। रात भर पूरी नींद लेने के बाद भी सुबह उठना उन्हें मुश्किल लगता है।
इस समस्या से प्रभावित स्त्री-पुरूषों की एकाग्रता तो प्रभावित होती ही है साथ ही छोटे-छोटे काम करने में उन्हें कठिनाई महसूस होती है, इन्हें दिन भर उबासी आती रहती है और शरीर टूटा-टूटा महसूस होता रहता है।

हाइपर सोमानिया के प्रकार-
प्राइमरी हाइपर सोमानिया-अगर आप काफी समय से दिन के वक्त बहुुत ज्यादा नींद का अनुभव कर रहे हैं तो आप प्राइमरी हाइपर सोमानिया से पीड़ित हैं।

रिंकरिंग हाइपर सोमानिया-इस स्थिति आप थोड़ी-थोड़ी देर में बहुत अधिक नींद का अनुभव करते हैं, उदाहरण के लिए एक व्यक्ति को तीन-चार दिन तक नींद सताती रहती है और फिर उसके बाद ये लक्षण बन्द हो जाते हैं, ऐसा उन व्यक्तियों के साथ भी होता है जो महिनों या साल भर बाद अपने घर लौटते हैं।

जेनेटिक हाइपर सोमानिया-इस समस्या में आपके जींस भी आपकी अधिक नींद में भूमिका निभाते हैं, स्लीप डिसआर्डर जैसे नारकोलेप्सी भी जेनेटिक समस्याऐं हैं। नारकोलेप्सी हाइपर सोमानिया में तो अक्सर नींद के साथ दौरे पड़ते हैं और ऐसे व्यक्तियों को नींद को भगाना मुश्किल हो जाता है।

ओब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया-ये ऐसी स्थिति में जिसमें व्यक्ति रात में सोते समय ठीक से सांस नहीं ले पाता, इस वजह से उसके मस्तिष्क में ठीक से आक्सीजन नहीं पहुंच पाती, जिससे दिन में उसे अत्यधिक नींद आती रहती है।

हाइपर सोमानिया कारण-

फैंटी शरीर-अधिक नींद आने का सबसे आम कारण है मोटापा और मोटापे का कारण है ज्यादा भोजन करना, और कोई शारीरिक श्रम का कार्य न करना। सक्रिय जीवन शैली न रहने के कारण उन्हें दिन भर नींद-आलस्य सताता रहता है। 

दवाईयां-अनेक प्रकार की ऐसी दवाईयां हैं जो शरीर को सुस्त रखती हैं, विशेष रूप से डिप्रेशन की दवाईयां शरीर को पूरे दिन सुस्त रखती हैं। हाइपर सोमानिया की समस्या के लिए सिर पर लगी चोट, न्यूरोलोजिकल रोग या नर्वस सिस्टम का ठीक से काम न करना भी हो सकता है, इनके लिए हमें अपने डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

उपचार-यदि यह बिमारी जीवन शैली के कारण है तो हमें अपनी जीवन शैली में परिवर्तन करना चाहिए-
1-एक साथ ज्यादा खाना न खायें, दिन में थोड़ा-थोड़ा पांच-छह बार खा सकते हैं। बार-बार खाने से आपके शरीर में एनर्जी बनी रहेगी और नींद भी आप पर हावी नहीं होगी।

2-कोल्ड डिक्स, काफी, चाय को कम से कम लें। काॅफी चाय पीने से समस्या का समाधान नहीं होगा, जैसे ही काॅफी का असर समाप्त होगा, फिर से नींद आपको सताने लगेगी। 

3-रात को सोने से पहले दूध पीने की आदत डालें। जो आपको अच्छी नींद लाने के लिए फायदे मंद होगा।

4-दिन भर में अपनी जीवन शैली को सक्रिय बनाये रखें, क्योंकि जब रात होगी तो आप थक कर सोयेंगे और आपको भरपूर नींद मिलेगी।

5-सोने से पहले मनपसंद संगीत सुनिए, इससे भी आपको अच्छी नींद आयेगी, अच्छी नींद आने के कारण अगले दिन आपको थकान महसूस नहीं होगी।

तो साथियों आपको ये आलेख कैसा लगा कमैंटस करके बताना न भूले, अगले आलेख तक के लिए मुझे आज्ञा दीजिए नमस्कार जयहिन्द।
प्रस्तुति: संजय कुमार गर्ग   

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