यूं ही बेहिसाब न फिरा करो... |
यूं ही बेहिसाब न फिरा करो, कोई शाम घर भी रहा करो
वो गजल की सच्ची किताब है, उसे चुपके-चुपके पढ़ा करो
कोई हाथ भी न मिलायेगा, जो गले मिलोगे तपाक से,
ये नये मिजाज का शहर है, जरा फासले से मिला करो।
-बशीर बद्र
-बशीर बद्र
शरहे-गम1 तो मुख्तसर2 होती गयी उनके हूजुर3
लफ्ज जो मुंह से न निकला दास्तां बनता गया
मैं अकेला ही चला था जानिबे-मंजिल4 मगर
लोग साथ आते गये और कारवां बनता गया।
1गम की व्याख्या 2संक्षिप्त 3सामने 4मंजिल की ओर
-मजरूह सुल्तानपुरी
मौसम का क्या ठौर-ठिकाना जोडे़ हाथ चला जाये
फागुन बन कर आया था, जो सावन बनकर छा जाये
पल है थोड़े, रस हैं ज्यादा, पीना लेकिन खोना ना
ऐसा न हो गायक चुप हो, सुनने वाला गा जाये।
-वीरेन्द्र मिश्र
फागुन बन कर आया था, जो सावन बनकर छा जाये
पल है थोड़े, रस हैं ज्यादा, पीना लेकिन खोना ना
ऐसा न हो गायक चुप हो, सुनने वाला गा जाये।
-वीरेन्द्र मिश्र
खाली है अभी जाम, मैं कुछ सोच रहा हूँ
ऐ गर्दिशे-अय्याम1 मैं कुछ सोच रहा हूँ
पहले बड़ी रगबत थी तेरे नाम से मुझको
अब सुनके तेरा नाम मैं कुछ सोच रहा हूँ।
1कालचक्र प्यार
-अदम
-अदम
बुझती हुई शम्माएं होती हैं, डुबे हुये तारे होते हैं
महफिल के उजड़ने से पहले आसार ये सारे होते हैं
बर्बादे-मोहब्बत पर ऐसा इक दौर भी आ जाता है
आगोश में सूरज होता है, पलकों पे सितारे होते है।
-शोर अलीम
क्या हुआ इनको कि भागे जा रहे हैं
घर, डगर, गिरिवर छलांगे जा रहे हैं
कौन-सा रसरूप धरती पर नहीं है
खोज में जिसकी अभागे जा रहे हैं।
-आनन्द मिश्र
संकलन-संजय कुमार गर्ग
(चित्र गूगल-इमेज से साभार!)
घर, डगर, गिरिवर छलांगे जा रहे हैं
कौन-सा रसरूप धरती पर नहीं है
खोज में जिसकी अभागे जा रहे हैं।
-आनन्द मिश्र
संकलन-संजय कुमार गर्ग
(चित्र गूगल-इमेज से साभार!)
मुक्तक/शेरों-शायरी के और संग्रह
खूबसूरत रुलाइयाँ और मुक्तक।
जवाब देंहटाएंआदरणीया आशा जी! ब्लॉग को पढ़ने व् कमेंट्स करने के लिए धन्यवाद!
हटाएंबढ़िया
जवाब देंहटाएंआदरणीय ओंकार जी! ब्लॉग को पढ़ने व् कमेंट्स करने के लिए धन्यवाद!
हटाएंSanjay jib, bahut umda sankalp he. Aapki ruchi janmanas Ki ruchi bante der nahin lagegi.
जवाब देंहटाएंआदरणीय गुप्ता जी, आपकी टिप्पणी पढ़ कर मुझे नभाटा याद आ गया, आप का प्यार था जो मेरे अच्छे बुरे सब आलेखों की तारीफे मिलती थी, आप की हार्दिक टिप्पणी के लिए धन्यवाद, गुप्ता जी!
हटाएंबहुत ही बढ़िया👍👌👌
जवाब देंहटाएंThanks! Radha. God Bless You!
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