बुध देव को कैसे मनाये?


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बुध देव
महाभारत की कथा के अनुसार इनकी विद्या-बुद्धि से प्रभावित होकर महाराज मनु ने अपनी गुणवती कन्या इला का इनके साथ विवाह कर दिया था। इला और बुध के संयोग से महाराज पुरूरवा की उत्पत्ति हुई, इस तरह चन्द्र वंश का आगे विस्तार होता चला गया। अथर्ववेद के अनुसार बुध के पिता का नाम चन्द्रमा और माता का नाम तारा है, ब्रह्मा जी ने इनकी बुद्धि व गम्भीरता को देखते हुये इनका नाम बुध रखा।
बुध व्यक्ति में विनोदप्रियता, हंसी-मजाक, अभिनय, बुद्धिमता, प्रसिद्धि, बोलने की कला, तर्क शक्ति, गणित व हिसाब-किताब का ज्ञान आदि का प्रतीक हैं, वही शरीर में त्वचा, दांत, नस, पाचन विकार, एलर्जी, तिल्ली के दोष, जीभ आदि विकारों का प्रतिनिधित्व करते हैं। बुध प्रधान व्यक्ति तीखे चटपटे के शौकीन, आकाश यात्रा, भूत-प्रेत, तन्त्र-मन्त्र में रूचि वाले, पशु-पालन, बाग-बगीचे मेें रूचि वाले, भाषाविद् व रत्नों के जानकार होते हैं। पापी होने पर जातक को नशे का आदी, पेशाब के रोग, दुर्घटना, दिखावा करने वाले, याददाश्त में कमी, बातुनी, दुनिया की समझ कम रखने वाला बना देते हैं। पारिवारिक संबंधों में मामा व गोद ली हुई संतान का प्रतीक हैं।

कब शुभ कब पापी होते हैं-लेखक-संजय कुमार गर्ग  sanjay.garg2008@gmail.com (All rights reserved.)

बुध कर्क मीन में अशुभ होते हैं, मिथुन, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ में मध्यम और मेष, वृष, सिंह, कन्या तुला में शुभ रहते हैं।
-यदि कुण्डली में बुध सूर्य के साथ हों तो इनकी अशुभता कम रहती है, सूर्य के बली होने पर भी अशुभ बुध शांत रहते हैं।
-अकेले अशुभ बुध या राहु-केतु के साथ हों तो ज्यादा हानिकारक होते हैं।
-बुध जैसे ग्रह शुभ-अशुभ के साथ हो वैसा ही शुभ-अशुभ प्रभाव ले लेते है।
-बुध यदि सूर्य के साथ हों तो दुगुना फल देते हैं, चन्द्रमा के साथ हों तो मानसिक विकार, मंगल के साथ हों तो हमलावर, गुरू के साथ हों तो बडबोलापन, शुक्र्र के साथ हों तो चंचलता, शनि के साथ हों तो जातक को स्वार्थी व मौकापरस्त बनाते हैं।

हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार-

कनिष्ठिका उंगली के नीचे बुद्ध पर्वत होता है यदि यह पर्वत सामान्य से ऊपर विकसित हो या पर्वत अविकसित हो या उस पर वर्ग का चिन्ह हो तो जातक में उपरोक्त सुखों का अभाव होता है।

कैसे मनाये बुदेव को-

1-वायदा या सट्टा कारोबार से बचें।

2-मांस-मदिरा का परित्याग करें या फिर कम से कम बुधवार, गुरूवार और शनिवार को मांसाहार
का परित्याग करें।लेखक-संजय कुमार गर्ग  sanjay.garg2008@gmail.com (All rights reserved.)

3-हाथ में सोने की अंगुठी पहने

4-पौधों को गमलें में पत्थर दाना डाल कर रखें।

5-अपने ससुराल पक्ष के लोगों के साथ मिलकर व्यवसाय न करें, ससुराल से सामान्य संबंध रखें।

6-बच्चों को ज्यादा आजादी न दें, उनकी गतिविधियों पर नजर रखें, क्योंकि जब बु
ध अशुभ होते हैं तो बच्चों की गलतियां मां-बाप को भुगतनी पड़ती हैं।

7-गाय को रोटी चारा खिलायें व किसी भी प्रकार से गाय की सेवा करें।

8-सोने की चेन गले में पहनें या फिर सस्ते विकल्प के रूप में तांबे के छेद वाला सिक्का धागे में डालकर पहनें।
लेखक-संजय कुमार गर्ग  sanjay.garg2008@gmail.com (All rights reserved.)

9-हिजड़ों को यथा शक्ति दान दें।

10-घर में मोर पंख, गंगा जल रखें।

11-पेड़-पौधे लगायें व उनकी देखभाल करें।

12-ढाक के पत्ते के दोने में रखकर खाना या कुछ खायें।

14-बुध के मंत्रों का जाप करें या किसी विद्वान पंडि़त से जप करायें।

विशेष-उपरोक्त उपायों में से एकाधिक उपाय करने से बुध प्रसन्न होते हैं, यदि समस्या गंभीर हो तो किसी विद्धान व अनुभवी ज्योतिषी से संपर्क करना चाहिये।
   -लेखक-संजय कुमार गर्ग (लेखाधिन पुस्तक "नवग्रह रहस्य" से)
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6 टिप्‍पणियां :

  1. उत्तर
    1. कमेंट्स के लिय धन्यवाद! व् होली की हार्दिक शुभकामनायें! आदरणीय राजीव जी!

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  2. अच्छी जानकारी
    आपको सपरिवार होली की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ .....!!
    http://savanxxx.blogspot.in

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    1. कमेंट्स करने के लिए धन्यवाद! आदरणीय सवन जी!!

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  3. बुद्ध देव की विस्तृत जानकारी दी है आपने ... उनको प्रसन्न रखने उपाय ही लिखा है ...
    शुक्रिया ...

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    1. कमेंट्स करने के लिए धन्यवाद! आदरणीय दिगम्बर जी!

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