शकरकंदी को अंग्रेजी में स्वीट पटैटो कहा जाता है यानि मीठा आलू। शकरकंदी पोषक तत्वों से भरपूर होती है। इसकी मिठास इसको खाने में स्वादिष्ट बनाती है। स्वादिष्ट होने के साथ-साथ यह पोषक तत्वों से भरपूर है जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है। शकरकंदी में विभिन्न प्रकार के विटामिन, खनिज, और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो हमारे शरीर के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। आज हम शकरकंदी के लाभों के बारे में विस्तार से बात करेंगे, ताकि आपको पता चल सके कि हमें इसे अपनी डाइट में क्यों शामिल करना चाहिए।
शकरकंदी में कौन कौन से पोषण तत्व हैं?
100 ग्राम शकरकंदी में लगभग 20.1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट व 3 ग्राम फाइबर होता है जो पाचन तंत्र का स्वस्थ रखता है, विटामिन ए होता है जो हमारी आंखों और प्रतिरक्षण प्रणाली को मजबूत करता है, लगभग 2.4 मिलीग्राम विटामिन सी होता है जो हमारी त्वचा और प्रतिरक्षण प्रणाली को मजबूती प्रदान करता है, लगभग 337 मिलीग्राम पोटैशियम होता है, जो हृदय के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है और शकरकंदी 25 मिलीग्राम मैग्नीशियम भी प्रदान करता है, जो मांसपेशियों और नसों के लिए आवश्यक है।
शकरकंदी खाने के फायदे
1-पाचन तंत्र का सुधारने में सहायक है
शकरकंदी में फाइबर की उच्च मात्रा होती है, जो पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करती है। यह कब्ज को रोकने और आंतों के कार्य को नियमित करने में सहायक होता है। नियमित रूप से शकरकंदी खाने से पेट में गैस, सूजन और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं कम होती हैं।
2-आंखों के लिए फायदेमंद
शकरकंदी में विटामिन ए होता है जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। यह रतौंधी और अन्य आंखों की समस्याओं से बचाने में हमारी मदद करता है। एक शोध से पता चला है कि जो लोग नियमित रूप से शकरकंदी का सेवन करते हैं, उनमें आंखों की बीमारियों का जोखिम 40 प्रतिशत तक कम हो सकता है।
3-वजन कम करने में सहायक
शकरकंदी में फाइबर और पानी की मात्रा अधिक होती है, जो पेट को भरा रखने में मदद करती है। इससे आप लंबे समय तक भूख महसूस नहीं करते, जिससे अधिक खाने की प्रवृत्ति कम होती है। शोधों से पता चला है कि जो लोग शकरकंदी का सेवन करते हैं, वे अन्य पदार्थों की तुलना में कम कैलोरी का सेवन करते हैं।
4-प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाता है
शकरकंदी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन सी हमारी प्रतिरक्षण प्रणाली को मजबूत बनाते हैं। ये तत्व शरीर में फ्री रेडिकल्स प्रभाव को कम करते हैं, जिससे बीमारियों से लड़ने की हमारे शरीर की क्षमता बढ़ती है।
5-हृदय को स्वास्थ्य रखता है
शकरकंद में पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करने में हमारी सहायता करती है। जो लोग नियमित रूप से शकरकंदी का सेवन करते हैं, उनमें हृदय रोग का खतरा कम हो जाता है। इसमें पाये जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट्स भी हृदय के स्वास्थ को अच्छा रखते हैं
6-त्वचा के लिए फायदेमंद होता है
शकरकंदी में पाये जाने वाले विटामिन सी व एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो त्वचा को निखारने व मुंहासों रहित बनाने में मदद करते हैं। शकरकंदी त्वचा की उम्र बढ़ने की गति को कम करती है और मुंहासों से बचाता है। नियमित रूप से शकरकंदी खाने से आपकी त्वचा में निखार आता है।
7-मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ाता है
शकरकंदी में विटामिन बी6 की भी अच्छी मात्रा होती है, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद है, यह तनाव को कम करने और मस्तिष्क के कार्य में सुधार करने में हमारी मदद करता है। अतः शकरकंदी का सेवन हमारे मानसिक तनाव के स्तर को कम करता है।
8-मधुमेह के स्तर को दुरूस्त करता है
शकरकंदी में ग्लीसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह रक्त शर्करा के स्तर को स्थिर रखने में मदद करता है। मधुमेह के रोगियों के लिए यह एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है, क्योंकि यह ऊर्जा को धीरे-धीरे छोड़ता है और ब्लड के शुगर स्तर को न्यूनतम रखता है।
9-विटामिन डी का अच्छा स्रोत है
शकरकंदी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं तथा यह विटामिन डी का अच्छा स्रोत है, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह ऑस्टियो आर्थराइटिस और अन्य सूजन संबंधी बीमारियों के प्रबंधन में सहायक हो सकता है।
10-आंखोें के लिए लाभदायक है-
इसमें बीटा कैरोटिन होता है जो आंखों के लिए फायदेमंद है। इससे आंखों को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है।
शकरकंदी खाने का तरीका-
शकरकंद का सेवन कई तरीकों से किया जा सकता है-
शकरकंदी उबालकर खा सकते हैं, भुनी हुए शकरकंदी का भी सेवन किया जा सकता है यह और ज्यादा स्वादिष्ट व करारी हो जाती है, सूप के रूप में भी इनका प्रयोग किया जा सकता है, उबालकर सलाद के रूप में प्रयोग कर सकते हैं, इनकी पिट्ठी बनाकर आंटे आदि में मिलाकर भी इसका प्रयोग किया जा सकता है।
शकरकंदी खाने के नुकसान
वैसे तो शकरकंदी एक पौष्टिक आहार है परन्तु इसके कुछ नुकसान भी हो सकते हैं-
1-उच्च शुगर स्तर को बढ़ा सकती है
शकरकंदी में नैचुरली मिठास होती है, फिर भी डायबिटीज के मरीजों को इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, अधिक मात्रा का सेवन उनके रक्त में शुगर के लेवल को बढ़ा सकता है।
2-वजन बढ़ा सकती है
शकरकंदी में कैलोरी की मात्रा अधिक होती है। यदि आप अपना वजन घटाने के इच्छुक हैं तो इसको अधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए।
3-पाचन संबंधी समस्याऐं हो सकती है
किसी किसी को शकरकंदी खाने से पैट गैस या पेट में दर्द हो सकता है, विशेषरूप से तब जब आप इसका अधिक मात्रा में सेवन कर लेते हैं।
4-एलर्जी भी हो सकती है
कुछ व्यक्तियों में शकरकंदी खाने से एलर्जी हो जाती है, जिससे उनकी त्वचा पर खुजली आदि की समस्या हो जाती है अतः ऐसे व्यक्तियों को शकरकंदी खाने से पहले डाक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
5-किडनी के मरीजों को दिक्कत हो सकती है
यदि किसी को किडनी से संबंधित दिक्कते हैं, तो उन्हें भी शकरकंदी का सेवन ध्यान से करना चाहिए, क्योंकि शकरकंदी में पोटेशियम की मात्रा अधिक होने के कारण किडनी पैंसेट को समस्याएं हो सकती हैं।
उपरोक्त बातों को ध्यान में रखते हुए शकरकंदी के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए, इसका थोड़ा ही सेवन करना चाहिए, इसकी मात्रा के संबंध में अपने डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
आपके कुछ प्रश्न और उनके जवाब
प्रश्न-1 शकरकंदी की तासीर ठंडी होती है या गर्म?
शकरकंदी की तासीर गर्म होती है अतः इसका सेवन सर्दियों में ही किया जाना चाहिए, वैसे नैचुरली यह पैदा भी सर्दियों में ही होती है।
प्रश्न-2 शकरकंदी खाने से कब्ज होती है क्या?
शकरकंदी में फाइबर की मात्रा अच्छी होती है, अतः इसे खाने से कब्ज की समस्या नहीं होती।
प्रश्न-3 शकरकंदी से गैस बनती है क्या?
यदि आप शकरकंदी को खाली पेट खायेंगे तो यह गैस की समस्या पैदा कर सकती है। पेट में जलन भी कर सकती है।
प्रश्न-4 क्या शकरकंदी पुरुषों के लिए अच्छा है?
शकरकंदी में nullए अधिक मात्रा में होता है अतः यह पुरूष में शुक्राणु बढ़ाने में मदद करता है। अतः यह पुरूषों के लिए अच्छा है।
प्रश्न- 5 शकरकंदी खाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?
शकरकंदी खाने का अच्छा समय लंच में या फिर शाम को स्नैक्स के रूप में भी ले सकते हैं।
प्रश्न-6 शकरकंदी कब नहीं खानी चाहिए?
शकरकंदी का सेवन रात में करने से बचना चाहिए।
प्रश्न-7 क्या शकरकंदी खून बढ़ाता है?
शकरकंदी खाने से हिमोग्लोबिन बढ़ता है।
इस प्रकार हम देखते हैं कि शकरकंदी खाने से अनेक फायदे होते हैं जबकि नुकसान बहुत कम हैं। नुकसान केवल व्यक्ति विशेष को होते हैं जो कि किसी न किसी बिमारी से जूझ रहे हैं। अतः आपको अपनी डाइट में इन्हें शामिल करना चाहिए।
अस्वीकरण-उपरोक्त बतायी गयी बातों को प्रयोग में लाने से पहले अपनी आयु, वय व शारीरिक स्थिति का भी ध्यान रखें और अपने डाक्टर से सलाह लेने के उपरांत ही इनका प्रयोग करें।
स्वास्थ्य/फिटनेस आलेख-
तो साथियों आपको ये आलेख कैसा लगा, कमैंटस करके बताना न भूले, और यदि आप नित्य नये आलेख प्राप्त करना चाहते हैं तो मुझे मेल करें। अगले आलेख तक के लिए मुझे आज्ञा दीजिए नमस्कार जयहिन्द। प्रस्तुति- संजय कुमार गर्ग, sanjay.garg2008@gmail.com
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें
आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुमूल्य है!