साउथ-ईस्ट किचिन का रंग वास्तु के अनुसार (south east kitchen colour as per vastu)
रसोई हमारे स्वास्थ्य का ध्यान रखने वाला एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, यह हमें जीवन दायिनी भोजन प्रदान करता है। यह भाग उस घर की ग्रहणी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि उसके पूरे दिन का काफी भाग घर के इसी हिस्से में व्यतीत होता है। अपनी इन्हीं विशेषताओं के कारण इसे घर का स्वास्थ्य विभाग कहा जाये तो अनुचित नहीं होगा। घर के दक्षिण-पूर्व दिशा में रसोई का होना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिशा अग्नि तत्व से जुड़ी है। इस दिशा में स्थापित रसोई में सही रंगों का चयन करने से न केवल रसोई की सुन्दरता बढ़ती है, बल्कि यह घर में पाॅजिटीव एनर्जी और स्वास्थ्य को भी लाता है।
आइए, अब हम साउथ-ईस्ट किचिन में रंगों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं-
1-लाल रंग
इस प्रकार की किचिन में लाल रंग का चयन किया जा सकता है यह रंग ऊर्जा और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। साथ ही यह रंग हमारे मन में उत्साह और जीवंतता भरता है। इस रंग का उपयोग दीवारों व फर्नीचर आदि के लिए प्रयोग किया जा सकता है। लाल रंग भूख भी बढ़ाता है इससे परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य अच्छा होता है।
परन्तु ये भी ध्यान रखें कि इसका प्रयोग संतुलित मात्रा में ही किया जाना चाहिए, क्योंकि ज्यादा लाल रंग तनाव को भी बढ़ाने वाला माना जाता है।
2-संतरी या आरेन्ज रंग
खुशी, आनन्द, और उत्साह का प्रतीक यह रंग भी आप अपनी रसोई में करा सकते हैं। यह रंग आपकी रसोई में एक जीवंत और आनंद का वातावरण बनाने में मदद करता है। इस रंग को भी अपनी किचिन की दीवारों और फर्नीचर पर करा सकती हैं। इसे अधिक सुन्दर बनाने के लिए अन्य हल्के रंगों के साथ मिलाकर इसका इस्तेमाल करें। यह कलर मानसिक तनाव को कम करने में भी सहायक होता है और आपकी किचिन में एक खुशनुमा माहौल बनाने में मदद करता है।
3-पीला रंग
यह कलर सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है यह सूर्य ग्रह का रंग भी है। यह रसोई को अधिक प्रकाशवान और आकर्षक बनाता है। आप अपनी साउथ-ईस्ट किचिन की दीवारों व फर्नीचर पर इस कलर को करवा सकती हैं। जो आपको एक शांतिपूर्ण माहौल भी प्रदान करता है। साथ ही यह रंग आपके मस्तिष्क को जाग्रत और सक्रिय करके आपको रचनात्मक कार्यो की ओर बढ़ावा देता है।
4-हल्का हरा रंग
यह रंग हमें प्रकृति के नजदीक लाता है, यह जीवन में ताजगी और सादगी का भी प्रतीक है। मन को शांत रखता है। इसका उपयोग भी आप अपनी किचिन की दीवारों आदि पर कर सकती हैं। इसका सबसे बेहतरीन लाभ यह है कि यह परिवार के सदस्यों के बीच तनाव कम करके सामंजस्य और तालमेल बैठाता है।
5-नीला रंग
हल्का नीला रंग ठंडक और शांति का अनुभव कराता है। यह मानसिक तनाव को भी नियंत्रित रखता है। अपनी रसोई के फर्नीचर, दीवारों पर कलर या टाइल्स के रूप में आप इसका उपयोग कर सकते हैं। ध्यान रखें इसका कलर का उपयोग भी संतुलित रूप में किया जाना चाहिए नही तो आपको रसोई में ठंडापन महसूस होने लगेगा।
6-क्रीम रंग
यह रंग हल्का और सौम्य रंग है साथ ही इसे नैतिकता का प्रतीक भी माना जाता है। इससे आपकी रसोई का आकार बड़ा-बड़ा सा दिखाई देता है। किचिन की दीवारों व फर्नीचर पर इसका प्रयोग किया जा सकता है, यह अन्य रंगोें के साथ जल्दी मिक्सअप हो जाता है। यह रंग भावनात्मक प्रभाव भी डालता है इससे गर्मी और सुरक्षा का वातावरण बनता है जिससे परिवार के सदस्यों में आपसी मेलजोल बढ़ता है।
विभिन्न रंगों के संयोजन और संतुलन
आप रसोई में विभिन्न रंगों का संतुलित संयोजन बना सकते हैं। जैसे लाल और संतरी रंग का संयोजन उत्साह को बढ़ाता है, जबकि पीले और हरे का मिश्रण संतुलन और ताजगी का वातावरण बनाता हैै। आप अपनी किचिन में दीवारों, कैबिनेट और अलमारियों में विभिन्न रंग का संयोजन कर सकते हैं। जैसे दीवारों पर हल्के रंग कराये जा सकते हैं जिससे सकारात्मक ऊर्जा का विस्तार हो जबकि फर्नीचर पर लाल, हरे या संतरी रंग करा सकते हैं जो न केवल सुन्दर लगेगा बल्कि आपको ऊर्जान्वित भी करेगा।
किचिन में सजावटी सामान में मिट्टी के बर्तन या पौधे रखें जो न केवल आपको नैचर के नजदीक लाते हैं बल्कि आपको तरोताजा भी महसूस रखते हैं।
किचन अलमारियों के लिए कलर का चयन
अब किचिन की अलमारियों के लिए वास्तु अनुकूल रंगों के चयन की बात करते हैं
यदि आपके साउथ ईस्ट की किचिन में कोई अलमारी उत्तरमुखी है तो उसमें आप नीले रंग का कलर करायें क्योंकि यह धन की दिशा है।
यदि आपकी किचिन में अलमारी पूर्वमुखी है तो उसमें भूरा या हरा रंग कराना चाहिए।
पश्चिम दिशा की अलमारी में आप सिल्वर रंग का पेन्ट करा सकते हैं, इसी प्रकार
दखिण मुखी अलमारी में आप गुलाबी या नारंगी कलर करा सकते हैं जो वास्तु अनुकूल हैं।
किचिन स्लैब के लिए रंगों का चयन
वास्तु शास्त्र के अनुसार किचन स्लैब के लिए हरा, पीला और नारंगी अच्छा माना जाता है। ये सभी रंग जीवन में सकारात्मक ऊर्जा संचार करते हैं। साथ ही किचिन में एक स्वस्थ वातावरण का निर्माण करने में सहायक होते हैें। स्लैब के लिए आप इन रंगों का प्रयोग अकेले या दो रंगों के मिश्रण से भी कर सकते हैं।
दक्षिण-पूर्व दिशा में रसोई के लिए रंगों का चयन एक महत्वपूर्ण कार्य है। सही रंग न केवल रसोई का सौंदर्य बढ़ाते हैं, बल्कि परिवार के स्वास्थ्य और समृद्धि में भी योगदान देते हैं। वास्तु के अनुसार, संतुलित और सकारात्मक रंगों का चयन करने से आप अपने घर में सुख और शांति का अनुभव कर सकते हैं और परिवार के सदस्यों के बीच एक सामंज्यपूर्ण माहौल बनाने में सहयोग प्रदान करते हैं।
तो साथियों आपको ये आलेख कैसा लगा, कमैंटस करके बताना न भूले, और यदि कोई सलाह लेनी हो तो आप कमैंटस कर सकते हैं, और यदि आप नित्य नये आलेख प्राप्त करना चाहते हैं तो मुझे मेल करें। अगले आलेख तक के लिए मुझे आज्ञा दीजिए नमस्कार जयहिन्द।
प्रस्तुति: संजय कुमार गर्ग, वास्तुविद्, एस्ट्रोलाॅजर 8791820546 Whats-app
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