उर्दू के मशहूर शायरों की शायरी!

उर्दू के मशहूर शायरों की शायरी!


-1-
सरकती  जाये  है  रूख  से  नकाब आईस्ता-आईस्ता
निकलता   आ  रहा  है  आफताब  आईस्ता-आईस्ता
जवां   होने लगे जब  वो  तो  हम से  कर लिया परदा
हया यक-लखत' आई और शबाब आईस्ता-आईस्ता।
                                   -अमीर मिनाई

 -2-
जवानी      बेशकीमत      हादसा    है
मुहब्बत    खूबसूरत    दर्दे    सर   है,
अबद  तक काश मंजिल तक न पहुंचे
मेरा    महबूब    मेरा    हमसफर   है।
                   -अब्दुल हमीद ‘अदम’

 -3-
रोज   तारों  को  नुमाइश  में  खलल  पड़ता है
चाँद  पागल  है  अँधेरे   में  निकल   पड़ता  है,
उस की याद आई है साँसो जरा आहिस्ता चलो
धड़कनों  से  भी  इबादत  में  खलल  पड़ता है।
                                   -राहत इन्दौरी

 -4-
आप   बैठे   हैं  बालीं'   पे   मेरी   मौत   का   जोर  चलता   नहीं  है 
मौत  मुझ  का  गंवारा है लेकिन  क्या  करूं  दम  निकलता नहीं है,
ये अदा  ये नजाकत भरा सिन मेरा दिल तुम  पे  कुर्बान  लेकिन 
क्या  संभालोगे  तुम  मेरे  दिल  को जब ये आंचल संभलता नहीं है।
                                             -फना बुलन्दशहरी

 -5-
अपने  हाथों  की  लकीरों  में सजा  ले मुझ को
मैं  हूं  तेरा तू  नसीब  अपना बना ले मुझ को,
मैं जो कांटा हूं तो चल मुझ से बचा कर दामन
मैं  हूं  गर  फूल  तो  जूड़े  में  सजा ले मुझको।
                            -कतील सिफाई

 -6-
आपके  हक में यह गुनाह सही
हम  पियें  तो  शराब बनती है,
सौ  गमों  को निचोड़ने के बाद
एक  कतरा  शराब  बनती  है।
             -साहिर होशयारपुरी

  संकलन-संजय कुमार गर्ग 
कठिन अलफाज के अर्थ
अचानक,  लकड़ी,  उम्र, आयु
मुक्तक/शेरों-शायरी के और संग्रह 
प्यास वो दिल की बुझाने कभी.....मुक्तक और रुबाइयाँ !

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