हर कोई सुबह उठते ही चाहते हैं कि आज का दिन उसका अच्छा गुजरे, हम ना तो कोई ऐसा काम करना चाहते, ना ही कोई ऐसी चीज देखना चाहते हैं, जो हमारे पूरे दिन को खराब कर दे। साथियों वास्तु और ज्योतिष में कुछ ऐसी चीजें बतायी गयी है, जिन्हें हमें सुबह उठते ही नहीं देखना चाहिए, क्योंकि ये चीजें हमारे पूरे दिन को बर्बाद कर सकती है, आइये देखते है ये कौन सी चीजें हैं-
1-परछाई-
साथियों हमें सुबह उठते ही अपनी या फिर दूसरे की परछाई नहीं देखनी चाहिए, सुबह उठते ही परछाई देखने से हमारा पूरा दिन खराब हो सकता है, क्योंकि ज्योतिष में परछाई को राहु का संकेत माना जाता है। इसलिए इसे प्रातः उठते ही नहीं देखना चाहिए।2-दर्पण या आईना-
साथियों! आपने बिल्कुल ठीक पढ़ा, हमें सुबह उठते ही आईना भी नहीं देखना चाहिए, कहां जाता है कि सुबह उठते ही आईना देखने से रात भर की नकारात्मक ऊर्जा परिवर्तित होकर हमारे अन्दर चली जाती है, जिस कारण पूरे दिन हमारे माइंड में नेगेटिविटी बनी रहती है।3-जूठे बरतन-
सुबह उठते ही हमें जूठे बरतन भी नहीं देखने चाहिए, इन्हे देखना भी शुभ नहीं माना जाता है, इसलिए वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि रात में ही सारे जूठे बरतन साफ कर देने चाहिए, ताकि किचिन में प्रवेश करते ही जूठे बरतनों पर हमारी दृष्टि न पड़े।4-हिंसक जानवरों की तस्वीरें-
कभी-कभी हम अपने घरों में हिंसक पशु या जंगली जानवरों की तस्वीरें लगाते हैं, जो कि वास्तु की दृष्टि से उचित नहीं है, जिससे सुबह उठते ही हमारी दृष्टि इन तस्वीरों पर पड़ती है, जिससे हिंसक भाव अनायास ही हमारे मन में प्रवेश करने लगते हैं। अतः कम से कम हमें सुबह उठते ही इन तस्वीरों को नहीं देखना चाहिए, ये आपके पूरे दिन को खराब कर सकती हैं।5-बन्द घड़ी-
यदि आपके घर की कोई घड़ी बन्द है जो उसे तुरन्त ठीक करा लें, क्योंकि बन्द घड़ी हमारी उन्नति, तरक्की को रोकने का काम कर सकती है। सुबह उठते ही यह बन्द घड़ी हमें भूल कर भी नहीं देखनी चाहिए, ये हमारे पूरे दिन को खराब कर सकती है।सुबह उठते ही क्या देखना चाहिए-
हमें सुबह उठते ही अपने दोनों हाथों की हथेलियों को आपस में रगड़ कर उन्हें देखते हुए निम्न श्लोक को बोलना चाहिए-सुबह उठकर कौन सा मंत्र बोलना चाहिए
काराग्रे वसतेे लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते कर दर्शनम्।
करमूले तू गोविन्दः प्रभाते कर दर्शनम्।
उसके बाद दोनों हथेलियों को अपने चेहरे पर लगाना चाहिए, फिर भूमि पर पैर रखने से पहले भूमि को छू कर अपने माथे से लगाते हुए निम्न मंत्र को पढ़ना चाहिए-
समुद्रवसने देवी पर्वतस्तन मंडले
विष्णु पत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्वमे।
उसके बाद मौसम के अनुसार ताजा या गर्मपानी पीकर अपनी दिनचर्या को प्रारम्भ करना चाहिए।
प्रस्तुति: संजय कुमार गर्ग, एस्ट्रोलाॅजर, वास्तुविद् 8791820546 Whats-app
कोई टिप्पणी नहीं :
एक टिप्पणी भेजें
आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुमूल्य है!