सूर्य-ग्रह और ज्योतिष |
सूर्य साक्षात् परमात्मा हैं, जगत का पालन करने के कारण संसार के पिता हैं, शरीर में आत्मा है व ग्रहों के मंत्रिमंडल में राजा हैं। ज्योतिष में सूर्य आत्मबल, मनोबल, मानसम्मान, प्रतिष्ठा, हड्डी, ईमानदारी, राजसी गुण, सिर, बाल, पेट की गर्मी, उत्साह, ज्ञान, बेबाकी, आंख के विकार, आदि का प्रतीक हैं व साथ ही सरकार, राजा, राजदरबार, पिता का सुख, पुरानी परम्परा, रूढि़वादिता आदि का भी प्रतीक हैं। यदि जातक को उपरोक्त मेें कोई बाधा या समस्या उत्पन्न होती हो तो सूर्य के उपाय करने चाहिए।
यदि जन्मकुडंली में सूर्य, शुक्र्र के साथ कही हों तो उपरोक्त बातों में कही न कहीं कमी, नुकसान या कटौती अवश्य करते हैं।लेखक-संजय कुमार गर्ग sanjay.garg2008@gmail.com (All rights reserved.)
सूर्य-ग्रह और ज्योतिष |
हस्तरेखा शास्त्र (पामिस्ट्री) के अनुसार देखें तो अनामिका उंगली के नीचे सूर्य पर्वत होता है। यदि वह पर्वत दबा हुआ हो या सूर्य पर्वत पर आपस में काटती हुयी रेखायें, बिन्दु या जाली हो तो जातक में उपरोक्त सुखों का अभाव होगा।
सरल उपाय-
1. सूर्य को जल दें, सूर्यासन करें या पूर्व की ओर मुख करके 10, 28 या 108 बार गायत्री मंत्र पढ़े।2. तांबे के बर्तन में रात भर रखा हुआ जल पीये।
3. माता-पिता, गुरू, बुर्जुगों का सम्मान करें उनका निरादर न करें।
4. रात को सोने से पहले बिस्तर पर लेटे-2 सुबह सूर्य के सामने जपे गये मंत्र का जाप उतनी ही बार करे, जितनी बार सुबह किया गया था।
5. घर में गंगा जल अवश्य रखें।6. अन्धों को कुछ दान करें।
7. हवन-भट्टी आदि की राख घर में न रखें।
8. साल में 2-3 बार घर के बुजुर्गों को उनके इस्तेमाल की चीज भेंट दें।
9. रविवार का व्रत रखें।
विशेष - यदि पूर्व वर्णित समस्यायें गंभीर होती जा रही हो तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से सम्पर्क करना चाहिए।-लेखक-संजय कुमार गर्ग (लेखाधिन पुस्तक "नवग्रह रहस्य" से) (चित्र गूगल-इमेज से साभार!)
उपयोगी जानकारी :)
जवाब देंहटाएंआदरणीया प्रतिभा जी! आलेख पढ़ने व् कमेंट्स करने के लिए धन्यवाद!
हटाएंaadarniya sanjay ji ....agar puja-path se man vimukh hone lage to kounsa grah dosh hota hai ....kya upay karna chahiye
जवाब देंहटाएंआदरणीया उपासना जी, मन की चंचलता को कम करने के लिए चन्द्र ग्रह के उपाय किये जाने चाहिए! आप चांदी का छल्ला पहन सकती हैं, चन्द्रमा के मन्त्र का जप कर सकती हैं! चन्द्र ग्रह पर मेरा एक ब्लॉग जल्द प्रकाशित होगा! कमेंट्स के लिए धन्यवाद!
हटाएंसूर्य साक्षात् परमात्मा हैं, जगत का पालन करने के कारण संसार के पिता हैं, शरीर में आत्मा है व ग्रहों के मंत्रिमंडल में राजा हैं। ज्योतिष में सूर्य आत्मबल, मनोबल, मानसम्मान, प्रतिष्ठा, हड्डी, ईमानदारी, राजसी गुण, सिर, बाल, पेट की गर्मी, उत्साह, ज्ञान, बेबाकी, आंख के विकार, आदि का प्रतीक हैं व साथ ही सरकार, राजा, राजदरबार, पिता का सुख, पुरानी परम्परा, रूढि़वादिता आदि का भी प्रतीक हैं। यदि जातक को उपरोक्त मेें कोई बाधा या समस्या उत्पन्न होती हो तो सूर्य के उपाय करने चाहिए।सुन्दर और उपयोगी जानकारी लिखी है आपने मित्रवर संजय जी !!
जवाब देंहटाएंपोस्ट पर कमेंट्स करने के लिए धन्यवाद! आदरणीय योगी जी!
हटाएंउपरोक्त उपाय बताने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंगौर जी, नमस्कार! ब्लॉग पर कमैंट्स करने के लिए धन्यवाद!
हटाएंउपरोक्त उपाय बताने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंगौर जी, नमस्कार! ब्लॉग पर कमैंट्स करने के लिए धन्यवाद!
हटाएंधन्यवाद गुरूजी
जवाब देंहटाएंfrom Umesh Gore
गौर जी, नमस्कार! कमैंट्स के लिए धन्यवाद!
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