"सूर्य-ग्रह और ज्योतिष से संबंधित समस्याएं व समाधान!

सूर्य-ग्रहऔरज्योतिष
सूर्य-ग्रह और ज्योतिष
जिन्दगी में परेशानी-बाधायें आती रहती है, उनका सामना करने के अनेक उपाय होते हैं, जैसे चोरी होने पर पुलिस व बीमारी में डाक्टर के पास जाकर अपनी समस्याओं से निपटा जा सकता है, परन्तु जब समस्याऐं अस्भाविक रूप से बार-बार होती रहती है और उनका समाधान उपरोक्त प्रकार से नहीं हो पाता तो हमें ज्योतिषीय उपाय करने चाहिए, क्योंकि जहां दवा काम नहीं करती वहां दुआ काम करती है, प्रार्थना की शक्ति सर्वविदित है। अब प्रश्न उठता है कि कौन सी समस्याओं के लिए कौन से उपाय किये जाये। सबसे पहले हम उन संभावित समस्याओं का अध्ययन करेंगे जो सूर्य ग्रह से संबंधित होती हैं।

सूर्य साक्षात् परमात्मा हैं, जगत का पालन करने के कारण संसार के पिता हैं, शरीर में आत्मा है व ग्रहों के मंत्रिमंडल में राजा हैं। ज्योतिष में सूर्य आत्मबल, मनोबल, मानसम्मान, प्रतिष्ठा, हड्डी, ईमानदारी, राजसी गुण, सिर, बाल, पेट की गर्मी, उत्साह, ज्ञान, बेबाकी, आंख के विकार, आदि का प्रतीक हैं व साथ ही सरकार, राजा, राजदरबार, पिता का सुख, पुरानी परम्परा, रूढि़वादिता आदि का भी प्रतीक हैं। यदि जातक को उपरोक्त मेें कोई बाधा या समस्या उत्पन्न होती हो तो सूर्य के उपाय करने चाहिए।

यदि जन्मकुडंली में सूर्य, शुक्र्र के साथ कही हों तो उपरोक्त बातों में कही न कहीं कमी, नुकसान या कटौती अवश्य करते हैं।लेखक-संजय कुमार गर्ग  sanjay.garg2008@gmail.com (All rights reserved.)
"सूर्य-ग्रह और ज्योतिष  से संबंधित समस्याएं व समाधान!
सूर्य-ग्रह और ज्योतिष
तुला में नीच के सूर्य होने से व्यक्ति को पिता के सुख व जीवन साथी के सुख में कमी, मान-सम्मान मेें कमी, परिवार में विरोध, अशांति आदि फल होते हैं, साथ ही नीच राशि के सूर्य जिस भाव में जाते हैं, उस भाव से संबंधित सुखों में भी कमी कर देते हैं। क्योंकि सूर्य तेजस्वी ग्रह हैं इनके सम्पर्क में आने वाले ग्रह कमजोर व अस्त हो जाते हैं।
 
हस्तरेखा शास्त्र (पामिस्ट्री) के अनुसार देखें तो अनामिका उंगली के नीचे सूर्य पर्वत होता है। यदि वह पर्वत दबा हुआ हो या सूर्य पर्वत पर आपस में काटती हुयी रेखायें, बिन्दु या जाली हो तो जातक में उपरोक्त सुखों का अभाव होगा।

सरल उपाय-

1.    सूर्य को जल दें, सूर्यासन करें या पूर्व की ओर मुख करके 10, 28 या 108 बार गायत्री मंत्र पढ़े।
2.    तांबे के बर्तन में रात भर रखा हुआ जल पीये।
3.    माता-पिता, गुरू, बुर्जुगों का सम्मान करें उनका निरादर न करें।

4.    रात को सोने से पहले बिस्तर पर लेटे-2 सुबह सूर्य के सामने जपे गये मंत्र का जाप उतनी ही बार करे, जितनी बार सुबह किया गया था।
5.    घर में गंगा जल अवश्य रखें।
6.    अन्धों को कुछ दान करें।
7.    हवन-भट्टी आदि की राख घर में न रखें।
8.    साल में 2-3 बार घर के बुजुर्गों को उनके इस्तेमाल की चीज भेंट दें।
9.    रविवार का व्रत रखें।
विशेष -  यदि पूर्व वर्णित समस्यायें गंभीर होती जा रही हो तो किसी अनुभवी ज्योतिषी से सम्पर्क करना चाहिए।-लेखक-संजय कुमार गर्ग (लेखाधिन पुस्तक "नवग्रह रहस्य" से)  (चित्र गूगल-इमेज से साभार!)

12 टिप्‍पणियां :

  1. उत्तर
    1. आदरणीया प्रतिभा जी! आलेख पढ़ने व् कमेंट्स करने के लिए धन्यवाद!

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  2. aadarniya sanjay ji ....agar puja-path se man vimukh hone lage to kounsa grah dosh hota hai ....kya upay karna chahiye

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    1. आदरणीया उपासना जी, मन की चंचलता को कम करने के लिए चन्द्र ग्रह के उपाय किये जाने चाहिए! आप चांदी का छल्ला पहन सकती हैं, चन्द्रमा के मन्त्र का जप कर सकती हैं! चन्द्र ग्रह पर मेरा एक ब्लॉग जल्द प्रकाशित होगा! कमेंट्स के लिए धन्यवाद!

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  3. सूर्य साक्षात् परमात्मा हैं, जगत का पालन करने के कारण संसार के पिता हैं, शरीर में आत्मा है व ग्रहों के मंत्रिमंडल में राजा हैं। ज्योतिष में सूर्य आत्मबल, मनोबल, मानसम्मान, प्रतिष्ठा, हड्डी, ईमानदारी, राजसी गुण, सिर, बाल, पेट की गर्मी, उत्साह, ज्ञान, बेबाकी, आंख के विकार, आदि का प्रतीक हैं व साथ ही सरकार, राजा, राजदरबार, पिता का सुख, पुरानी परम्परा, रूढि़वादिता आदि का भी प्रतीक हैं। यदि जातक को उपरोक्त मेें कोई बाधा या समस्या उत्पन्न होती हो तो सूर्य के उपाय करने चाहिए।सुन्दर और उपयोगी जानकारी लिखी है आपने मित्रवर संजय जी !!

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    1. पोस्ट पर कमेंट्स करने के लिए धन्यवाद! आदरणीय योगी जी!

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  4. उपरोक्त उपाय बताने के लिए धन्यवाद

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    1. गौर जी, नमस्कार! ब्लॉग पर कमैंट्स करने के लिए धन्यवाद!

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  5. उपरोक्त उपाय बताने के लिए धन्यवाद

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    1. गौर जी, नमस्कार! ब्लॉग पर कमैंट्स करने के लिए धन्यवाद!

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  6. धन्यवाद गुरूजी

    from Umesh Gore

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    1. गौर जी, नमस्कार! कमैंट्स के लिए धन्यवाद!

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