स्वप्नफल क्यों, कैसे, कब |
स्वप्न कौन नहीं देखता जो भी सोता है, स्वप्न अवश्य देखता है, वो अलग बात है कि जाग्रत
अवस्था में कभी-कभी हम स्वप्नों को भूल जाते हैं! यहां तक कि जन्मांध
(जन्म से अन्धे) भी स्वप्न देखते हैं अन्तर केवल इतना है कि उनके स्वप्न
में आवाजें होती हैं दृष्य नहीं होते। मनौवेज्ञानिकों का तो यहां तक मानना
हैं कि पशु -पक्षी भी स्वप्न देखते है, फिर इन्सान इन्हें देखने से कैसे
बच सकता है। मेरा मानना है कि स्वप्न भूत-भविष्य-वर्तमान की एक प्रस्तुति
मात्र हैं। एक ओर तो स्वप्न हमारे मन की प्रसुप्त वासनायें, इच्छायें,
आकाक्षाओं को दशाते हैं वही दूसरी ओर भविष्य के गर्भ में पक रहीं
घटनाओं के प्रति भी हमें आगाह करते हैं, चाहे उसका रूप सांकेतिक ही क्यों
न हो। बहुत से साधक या पूर्व जन्म के साधक स्तर के व्यक्तियों के
स्वप्न सच भी होेते हैं, वो भविष्य के गर्भ में पक रही घटनाओं को काफी हद
तक देख व समझ लेते हैं। भविष्य के स्वप्नों के बारे में जानने के लिये मेरा
आओ!! ''स्वप्न-संसार'' के रहस्य को समझे! आलेख अवश्य पढ़े।
इस नए आलेख
को लिखने का मेरा तात्पर्य सांकेतिक भाषा में दिखाई देने वाले स्वप्नों
के फलादेश से है। वैसे तो नेट पर ऐसे फलादेशों पर काफी आलेख हैं परन्तु
उनमें किसी आलेख में यह स्पष्ट नहीं किया गया कि कौन से स्वप्न, किस समय,
कितनी बार देखने से सत्य हो सकते हैं, व बुरे स्वप्नों से कैसे बचाव हो
सकता है तथा अच्छे स्वप्नों के फलादेशों का पूरा प्रभाव किस प्रकार
प्राप्त हो सकता है। इस संबंध में कोई दिशा निर्देश नेट पर उपलब्ध स्वप्न
विशेषज्ञ नहीं देेते। जानकारी न होने के अभाव में अच्छे स्वप्नों का अच्छा
प्रभाव समाप्त या कम हो सकता है और बुरे स्वप्नों का दुश्प्रभाव बढ़ सकता
है।
पाठकजनों!! स्वप्न
विज्ञान अपने आप में एक विशुद्ध विज्ञान है जिसके बारे में हमारे पौराणिक
ग्रन्थों में स्थान-स्थान पर उदाहरण भरे पड़े हैं, इस संबंध में
कुछ दिशा-निर्देशन भी हमारे ज्योतिष, स्वप्न-शकुन विज्ञान के ग्रन्थों में
दिये गये हैं। जो इस प्रकार हैं-
स्वप्नों का फल कब तक मिलता है-
ब्रह्ममुहूर्त या सूर्योदय से पूर्व देखे गये स्वप्न का फल तत्काल प्राप्त होता है।
सूर्योदय
के पश्चात देखे गये स्वप्नों का फल दस दिनों में, सायंकाल में देखे गये
स्वप्नों का फल पन्द्रह दिनों में, रात्रि के प्रथम पहर में देखे गये
स्वप्नों का फल एक वर्ष में, रात्रि के दूसरे पहर में देखे गये स्वप्नों का
फल छः माह में, रात्रि के तीसरे पहर में देखें गये स्वप्नों का फल तीन माह
में, रात्रि में अन्तिम पहर में देखे गये स्वप्नों का फल एक मास में प्रकट
होता है।लेखक-संजय कुमार गर्ग sanjay.garg2008@gmail.com (All rights reserved.)
शुभ स्वप्नों के शुभ प्रभाव को कैसे बनाये रखें-
याद
रखें कि शुभ स्वप्न देखने के पश्चात नींद नहीं लेनी चाहिये अच्छा तो ये है
कि उठ जायें और भगवान का स्मरण करें। यदि आप पुनः सो जाते हैं और आपको कोई
अशुभ स्वप्न दिखायी देता है तो उस शुभ स्वप्न का प्रभाव घट जायेगा या
समाप्त हो जायेगा जो आपने पहले देखा था।
अशुभ स्वप्नों के प्रभाव से बचने के उपाय-
यदि अशुभ स्वप्न दिखाई दे तो नींद लेनेे का प्रयास करना चाहिये, संभव है कि कोई शुभ स्वप्न
दिखाई दे जाये, यदि शुभ स्वप्न भी ना दिखाई दिया तो हो सकता है कि
अशुभ स्वप्न की याद ही समाप्त हो जाये, यदि स्वप्न भूल गये तो उसका बहुत
कुछ भाग नष्ट हो जाता है अथवा उसका प्रभाव भी समाप्त हो सकता है। यदि
अशुभ स्वप्न भुलाया भी न जा सका तो प्रातःकाल उठने के बाद उस स्वप्न को
अधिक से अधिक व्यक्तियों को सुनाये, ऐसा करने से उस स्वप्न का दुश्प्रभाव
काफी कम हो सकता है।
स्वप्न का बार-बार दिखाई देना-
कोई
स्वप्न केवल एक ही बार दिखाई देने से अपना बुरा-अच्छा प्रभाव नहीं देते,
इसके लिये उसका बार-बार दिखाई देना आवश्यक होता है, बार-बार दिखाई देने
वाले स्वप्न ज्यादा प्रभावकारी होते हैं।
लेखक-संजय कुमार गर्ग sanjay.garg2008@gmail.com (All rights reserved.)
पाठकजनों!! इस ब्लाॅक में इतना ही "स्वप्न विज्ञान" के अगले ब्लाॅक में आप स्वप्नों के फलादेश !
(चित्र गूगल-इमेज से साभार!)
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