फेंगशुई एक प्राचीन चीनी वास्तुशास्त्र है, जिसका तात्पर्य होता है, हवा और पानी। यह पद्धति इन दोनों तत्वों में संतुलन स्थापित करने पर जोर देती है, परन्तु भारतीय पांच तत्वों को भी स्वीकार करती है, जिनमें लकड़ी, पानी, अग्नि, धातु और पृथ्वी सम्मिलित होते हैं।
किसी घर या फ्लैट का फेंगशुई कैसे जांचे-
किसी नये घर या फ्लैट की फेंगशुई जानने का सबसे अच्छा तरीका है, किसी नवजात शिशु को अपने नये घर में ले जायें, अगर वो शिशु वहां घुसते ही रोता है, तो इसका तात्पर्य है कि उस घर की फेंगशुई अच्छी नहीं है, अगर वो शिशु घर में घुसते ही हंसता है या मुस्कुराता है तो उसे घर की फेंगशुई अच्छी है शुभ है, ऐसा माना जाना चाहिए।
आज हम फेंगशुई के और स्वर्णिम सूत्रों के बारे में चर्चा करते हैं।
Feng Shui: "फेंगशुई" के ये "सूत्र" आपको जानने चाहिए!
1-घर में आये मेहमानों को चाय देते समय कभी भी केतली या जग का मुंह मेहमानों की ओर नहीं करना चाहिए, क्योंकि ये एक बाण या बन्दूक की तरह से नेगेटिव एनर्जी छोड़ते हैं। इससे मेहमानों और आपके बीच गलतफहमियां उत्पन्न हो सकती हैं।
साथ ही यह भी ध्यान रखें कि कभी भी किसी की तरफ पहली ऊंगली यानि तर्जनी उंगली (इंडेक्स फिंगर) से इशारा न करें, क्योंकि ये आपकी ही तरफ नकारात्मक ऊर्जा छोड़ती है।
2-यदि आपके प्लाॅट का आकर गोल, त्रिभुजाकार या तिरछा आदि है तो आपको अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, अतः केवल चैकोर या आयताकार प्लाॅट लेना ही शुभ होता है। यदि आपने ऐसा प्लाॅट खरीद लिया है और आपको बनाना आपकी मजबूरी बन गया है तो उसे किसी वास्तुविद् से सलाह लेकर ही उसे बनवाना चाहिए।
3-डाइनिंग हाॅल में खाने की टेबिल वृत्ताकार, अण्डाकार, या अष्टकोणीय भोजन की टेबिल ही शुभ मानी जाती है। यदि वह वर्गाकार या आयताकार हो तो उसके कोने गोल या घुमावदार ही होने चाहिए।
4-घर या व्यावसायिक भवनों में पशुओं के सुन्दर चित्र लगाने चाहिए, इन्हें लगाना अच्छा माना जाता है। हाथी को चातुर्य का, घोड़े को शक्ति का, कछुए को दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है।
5-घर के पिछले हिस्से में बड़ी चट्टान या ऊंची बिल्डिंग शुभ मानी जाती है। घर के सामने बड़ी चट्टान या ऊंची बिल्डिंग शुभ नहीं मानी जाती, यदि आपके घर के सामने कोई बड़ी चट्टान या ऊंची बिल्डिंग है या फिर किसी दूसरे भवन की सीढ़ियां हैं, तो इनका होना अच्छा नहीं माना जाता है। यदि ऐसा कोई दोष है तो पौधे, फव्वारे, शीशे, विण्ड चाइम आदि लगाकर उसका निवारण करना हितकर होता है।
6-यदि आपने बीम के नीचे गैस आदि का चूल्हा लगा रखा है तो इसे बीम के नीचे से तुरंत हटा दें, ये आपकी धन-सम्पत्ति की हानि करायेगा।
7-इसी प्रकार यदि आपने बीम के नीचे अपना पलंग या डबल बैड डाला हुआ है तो उसे भी वहां से तुरंत हटा दें, पहले तो ये आपकी नींद को प्रभावित करेगा, यदि आप थक कर सो भी जाते हैं तो यह आपके स्वास्थ्य को खराब करेगा।
यदि बीम के नीचे बैठने के अलावा कोई विकल्प ना हो तो, बीम को सिलिंग टाइल्स से ढक दें या फिर बीम के दोनों ओर हरे रंग की गणपति जी की तस्वीर लगा देनी चाहिए।
बांस के तने या बांसुरी छत पर बीम को छुपाने के लिए बहुत उपयोगी वस्तु है। बांसुरी शान्ति और समृद्धि का प्रतीक है। इससे आपके अच्छे मित्र बनते हैं और अवांछित व्यक्ति आपके घर से दूर रहते हैं।
8-यदि आप खूब धन कमाते हैं परन्तु आपके पास धन नहीं रूकता तो आप तीन पैरों वाला मेंढक अपने घर में छुपाकर रखना चाहिए, इस मेंढक को इस प्रकार रखना है कि इसकी पीठ मुख्य द्वार की ओर हो और मुंह घर के अंदर की ओर। परन्तु ध्यान रहे इसको छुपा कर ही रखना चाहिए।
9-यदि आप एक्पोर्ट का व्यवसाय करते हैं और आप अपने निर्यात के व्यापार को बढ़ाना चाहते हैं तो आप अपने आफिस के उत्तर-पश्चिम दिशा में एक ग्लोब रखिए और उसे दिन में कम से कम पांच बार घड़ी की दिशा में घुमायें। आपके निर्यात का व्यवसाय चमकने लगेगा, परन्तु व्यवसाय बढ़ाने के प्रयास बंद न करें।
10-यदि आप नित्य दवाईयां लेते हैं और उन्हें किचिन में रखे रखते हैं तो सावधान हो जाइये, आप कभी भी पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो पायेंगे, यदि आप स्वस्थ होना चाहते हैं तो अपनी दवाईयों को तुरन्त किचिन से हटाकर अपने ड्रांइग रूम में किसी अलमारी में रखने की आदत डालें।
11-यदि आपको अपने घर में स्विमिंग पूल बनवाना है, तो उसे अपने घर के पिछले भाग में बनवाना चाहिए।
12-घर के सामने बड़ा नाला नहीं होना चाहिए, यदि आपके घर के सामने नाला हो तो उसे ढकवा देना चाहिए।
13-घर के सामने मंदिर, चर्च या मस्जिद होना अच्छा नहीं माना जाता। अगर ऐसा है तो उसके प्रभाव को दूर करने के लिए घर के आगे वृक्षों की कतार के रूप में बाढ़ लगवानी चाहिए, इससे उनका प्रभाव कम हो जाता है।
14-आपका परिवार संयुक्त हो या एकल परिवार हो, उसके मुख्य द्वार का निर्माण परिवार के मुखिया के तत्वों के आधार पर करना चाहिए।
15-घर के अगले द्वार के समीप कभी शौचालय का निर्माण नहीं करना चाहिए तथा घर के मध्य भाग में भी कभी शौचालय नहीं बनवाना चाहिए।
16-लम्बे गलियारे के अन्त में भी शौचालय नहीं होना चाहिए। यदि ऐसा हो तो उसके द्वार की दिशा बदले या फिर उसके द्वार पर एक बड़ा सा दर्पण लगा देे जो नकारात्मक ची (ऊर्जा) को वापस भेज देगा।
17-रंगों से ‘ची’ मिलती है अतः अपनी बैठक या मिटिंग हाॅल में लाल, नीला, व बैंगनी रंगों से पेन्ट कराये, आपकी मिटिंग अच्छी रहेगी।
18-‘ची’ को पड़ोसी भी प्रभावित करते हैं। यदि पड़ोसी समृद्धिशाली, व प्रतिष्ठित हैं तो यह आपके लिए अच्छी ‘ची’ उत्पन्न करते हैं। यदि पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति दिवालिया, बीमार, व्यसनी या अन्य प्रकार की समस्याओं से घिरे हुए हैं तो यह आपके लिए बुरी ‘ची’ उत्पन्न करती है, ऐसे लोगों के पड़ोस में मकान खरीदने से बचना चाहिए।
19-यदि आपके घर का मुख्य द्वार छोटा या संकुचित है तो वहां बड़ा सा दर्पण लगाकर उसे बड़ेपन का अहसास दिलायें। विण्ड चाइम, आकर्षक पेड़-पौधे आदि लगाकर धन में ‘ची’ का प्रवेश बढ़ा सकते हैं।
20-मुख्य द्वार के दोनों ओर आने वाले रास्ते में दोनों ओर क्यारी में फूल वाले पौधे लगाने से अच्छी ‘ची’ का घर में प्रवेश होता है।
21-घर में सकारात्मक ‘ची’ का प्रवेश दिलाने के लिए घर के दर्पण साफ रखें, अनावश्यक वस्तुओं का संग्रह न करें तथा फ्यूज बल्ब व बंद घड़ी तुरन्त ठीक करायें।
22-भवन के मुख्य प्रवेश द्वार के अतिरिक्त अन्य द्वारों की संख्या सम संख्या होनी चाहिए, विषम में नहीं होनी चाहिए।
23-यदि आपके घर या आफिस में कोई टूटा-फूटा या चटकी हुई टाइल है तो ये आपके परिवार या पार्टनर से आपके टूटते हुए संबंधों को दर्शाता है। अच्छा तो ये आप उस टाइल को बदल दें, नहीं तो उसके ऊपर कोई पेन्टिंग आदि लगा दें, जिससे टूटा टाइल छुप सके।
पाठकों को इस संबंध में कोई और जिज्ञासा हो तो वास्तु के मेरे और आलेख पढ़े, मुझे कमैंटस करें या फिर मुझे मेल कर सकते हैं।
प्रस्तुति: संजय कुमार गर्ग, वास्तुविद्, एस्ट्रोलाॅजर 8791820546 Whats-app
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