कांसे के बर्तन में खाना बनाने के फायदे!
आपके मन में अक्सर सवाल होता होगा कि किस धातु के बर्तन में खाना बनाने से क्या होता है? वह लाभ करता है या नुकसानदायक होता है? मैं जिस धातु के बर्तन में भोजन बना रही हूं वह सुरक्षित है या नहीं? आदि आदि। मैं आपको विभिन्न प्रकार की धातुओं में खाना बनाने व खाने से क्या लाभ होता है और क्या हानि इसको लेकर आलेखों की एक श्रृंखला लाया हूं, इसी श्रृंखला में आज हम कांसे के बर्तन में खाने से क्या लाभ या हानि होते हैं इस पर बात करेंगे। साथ ही आपके मन के कुछ संभावित प्रश्नों का भी उत्तर लेकर आया हूं-
कांसा धातु क्या है?
कांसा धातु को हिन्दी में पीतल और अंगे्रजी भाषा में ब्रोंज कहा जाता है। कांसा तैयार करने के लिए तांबे ओर टिन को यानि काॅपर और रांगा को 700 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता है, तब जाकर एक नई धातु कांसा तैयार होती है।
कांसे के बर्तन में खाना खाने से क्या होता है /कांसे के बर्तन में खाना खाने के फायदे
-कांसा तांबे और टिन के मिश्रण से बनता है, अतः इसमें भोजन समान रूप से व तेजी से गर्म होता है, और भोजन पूरी तरह पक जाता है। इसमें भोजन बनाने से बुद्धि तेज होती है, ब्लड साफ होता है, भूख बढ़ती है और एसिडिटी की समस्या दूर होती है।
-कांसे के बर्तन मे रखा गया खाना शुद्ध होता है साथ ही इसमें रखा गया पानी भी शुद्ध होता है।
-कांसे के बर्तन में रखा गया भोजन लंबे समय तक गर्म रहता है।
-कांसे के बर्तन में कीटाणुओं को मारने की क्षमता होती है। अतः इसमें रखा गया खाना कीटाणुरहित होता है।
-कांसे की धातु में रखा गया भोजन क्षारीय होता है जो स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में योगदान देता है।
-कांसे की धातु के बने बर्तन में रखे भोजन के सभी पोषक तत्व बने रहते हैं, कांसे के बर्तन में भोजन बनाने से भोजन के केवल 3 प्रतिशत तत्व ही नष्ट होते हैं। अतः इसमें भोजन करना व बनाना दोनों लाभप्रद रहते हैं।
कांसे के बर्तन में खाना बनाने से नुकसान/कांसे के बर्तन में क्या नहीं खाना चाहिए
-कांसे के बर्तन में तांबा-टिन का मिश्रण होता है, अतः इसमें खट्टी सब्जी या फल जैसे टमाटर, सिरका, आदि को गर्म नहीं करना चाहिए, ऐसे पदार्थों के साथ कांसा अम्लीय तत्वों के साथ प्रतिक्रिया कर सकता है और भोजन विषाक्त हो सकता है।
-तांबे के बर्तन में बने हुये खट्टे पदार्थों को परोसने से भी बचना चाहिए, खट्टे पदार्थों के सम्पर्क में आने पर यह पदार्थ विषैले हो सकते हैं।
-कांसे के बर्तन में अम्लीय पदार्थ को भी पकाने से बचना चाहिए।
आपके कुछ प्रश्नों के उत्तर-
कांसे के बर्तन में दूध पीने के फायदे?
कांसे के बर्तन में दूध पीने से बुद्धि बढ़ती है ऐसा आयुर्वेद का मत है।
दूध गर्म करने के लिए अच्छा बर्तन कौन सा होता है?
स्टील के बर्तन का उपयोग दूध गर्म करने के लिए करना सबसे ज्यादा लाभदायक माना जाता है, वैसे एल्युमीनियम के बर्तन में दूध गर्म कर सकते हैं, परन्तु स्टील का क्षरण सबसे कम होता है, जबकि एल्युमीनियम का क्षरण अधिक होता है। धातु के क्षरण होने के कारण उनके कण दूध में मिल जाते हैं।
कांसे की थाली में क्या नहीं खाना चाहिए?
कांसे की थाली या बर्तन में खट्टे पदार्थो से बने भोजन को नहीं परोसना चाहिए।
कांसे के बर्तन में पानी पीने के फायदे
कांसे के बर्तन या गिलास में पानी पीने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है, बुद्धि बढ़ती है, माइंड शार्प होता है, इस पानी को पीने से पेट के कीटाणू समाप्त होते हैं, किडनी व लीवर की साफ करने मेें मदद मिलती है।
कांसे के बर्तन में पानी अधिकतम 8 घंटे तक रख सकते हैं, यह पानी पीने योग्य होता है, इससे ज्यादा समय तक कांसे के बर्तन में पानी नहीं रखना चाहिए। वह शरीर में दोष उत्पन्न कर सकता है।
कांसे के बर्तन को कैसे साफ करना चाहिए?
कांसे के बर्तन को सिरके से साफ किया जा सकता है, या फिर आप चूना और नमक मिलाकर भी कांसे के बर्तनों को साफ कर सकते हैं।
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