वास्तु के अनुसार घर की चारदीवारी कैसी हो!

       
https://jyotesh.blogspot.com/2020/12/vastu-boundarywall-in-hindi.html
Vastu for Boundary Wall
अपने सपनों के घर की सुरक्षा के लिये, उसे वास्तु अनुकूल चार दीवारी (Boundary Wall) से सुरक्षित किया जाना आवश्यक है। वास्तु के अनुसार बनायी गयी चारदीवारी (Boundary Wall) न केवल मौसम की मार व चोरों की सेंधमारी से घर की सुरक्षा करती है, बल्कि वास्तु अनुकूल बनाये गये घर की वास्तु स्थिती में भी वृद्धि करती है। चार दीवारी को बनाते समय यदि वास्तु का ध्यान न रखा जाये तो मूल भवन का सम्पूर्ण वास्तु बिगड़ने की पूरी संभावना रहती है।

घर की कंपाउण्ड वाल के लिये कुछ वास्तु जानकारियां-
Vastu Tips for Boundary Wall)

* चार दीवारी (Boundary Wall)  की दीवारें हमेशा  दक्षिण (South) व पश्चिम (West) में ऊंची होनी चाहियें, यदि मोटी भी हो तो और भी उत्तम है, ऐसी दीवारें आरोग्य व धन लाभ देने में सहायक होती हैं।

*  नैरूत (South-west) दिशा की दीवारों को यदि सभी दिशाओं की दीवारों से ऊंचा रखा जा सके तो ये गृह स्वामी को य, सम्मान, धन सुख देने में सक्षम होती हैं।

* वायव्य दिशा (North-west) की दीवार यदि अन्य सभी दिशाओं की दीवारों से ऊंची हैं तो यह गृहस्वामी को आरोग्य व सुख लाभ देने में सक्षम होती हैं।

आग्नेय (South-East) दिशा की दीवार यदि सबसे ऊंची है तो यह गृहस्वामी को सब स्थानों पर य दिलाने में सहायक होती है।

चार दीवारी (Boundary Wall) में कभी एक ही द्वार न बनवायें अन्यथा गृहस्वामी को परेशानियों को सामना करना पड़ सकता है।

* यदि शान (North-east) की दिवार घर की अन्य दीवारों से सबसे ऊंची बना दी गयी है तो यह गृहस्वामी के सभी कार्यो में बाधा उत्पन्न करेगी, और पुत्र-पौत्रों पर भारी पडेगी।

यदि उत्तर (North) दिशा की चार दिवार घर की अन्य दीवारों से ऊंची बना दी गयी है, तो ये गृहस्वामी के धन का ना करती है व उसे कर्जदार बनाती है, साथ ही घर की स्त्रियों में रोग का भय उत्पन्न कर देती है।

पूर्व (East) दिशा की चार दीवारी (Boundary Wall) यदि ऊंची होती है तो गृहस्वामी के ऐश्वर्य की हानि करती है।

* घर के वास्तु की दीवार तथा चार दीवारी (Boundary Wall) की दीवार में अन्तर रखना आवश्यक है।

* घर की वास्तु की दीवार तथा चार दीवारी (Boundary Wall) के बीच उत्तर (North) व पूर्व (East) की ओर अधिक खाली स्थान रखें, जबकि दक्षिण (South) एवं पश्चिम (West) की ओर कम खाली स्थान रखें।

किसी घर, उद्योग, फैक्ट्री या दुकान से उसकी चार दीवारी (Boundary Wall) ज्यादा ऊंची नहीं होनी चाहिये, यह अशुभ है इसमें रहने वाले, व उद्योग पति जीवन में आगे नहीं बढ़ पाते ।

[पाठकगण! यदि उपरोक्त विषय पर कुछ पूछना चाहें तो कमेंटस कर सकते हैं, या मुझे मेल कर सकते हैं!]         
लेखक-संजय कुमार गर्ग  sanjay.garg2008@gmail.com

4 टिप्‍पणियां :

  1. उत्तर
    1. आदरणीय शास्त्री जी, कमैंट्स के लिए धन्यवाद! आपके काव्य संग्रह नहीं पढ़ पा रहा हूँ. कृपया लिंक भेजें।

      हटाएं
  2. नमस्ते, क्या आप मुझे बता सकते हैं कि यदि उत्तरमुखी मकान हो तो पीछे से बिना चहारदीवारी के मकान बना सकते हैं ? यानी की बाकी तीनों दिशाओं में दीवार होगी लेकिन दक्षिण में घर के दीवार से काम चला सकते हैं?

    जवाब देंहटाएं

आपकी टिप्पणी मेरे लिए बहुमूल्य है!