भवन या भूखण्डों के 9 लाभदायक आकार/सेप

भूखण्ड अनेक प्रकार की आकृतियों में उपलब्ध होते हैं। उनका एक जैसा आकार नहीं होता। जमीन के भूखण्ड अनेकों प्रकार की आकृतियों के हो सकते हैं। उन भूखण्डों में कुछ तो हमारे लिए लाभदायक होते हैं और कुछ हानिकारक होते हैं। अतः भूखण्ड को खरीदते समय उसकी बनावट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही हमें यह भी ध्यान रखना चाहिए कि हम भूखण्ड किस उद्देश्य से खरीद रहे हैं।

अब हम देखते हैं कि भवन या भूखण्डों के 9 लाभदायक आकार/सेप  व उनके प्रभाव-


1-वर्गाकार भूखण्ड-

ऐसा भूखण्ड जिसकी चारों भुजायें एक समान होती हैं यानि बराबर होती हैं वर्गाकार भूखण्ड कहलाते हैं। हम यह भी कह सकते हैं कि ऐसे भूखण्ड जिनके प्रत्येक कोण 90 डिग्री पर केन्द्रीत हों वर्गाकार भूखण्ड कहलाते हैं। ऐसा भूखण्ड सर्वसुखदायक होता है, वास्तु शास्त्र कहता है कि ऐसे भूखण्ड में निवास बनाने से लक्ष्मी उनके घर निवास करने आती है। ऐसे भूखण्ड ऐश्वर्य व धन-धान्य प्रदान करने वाले होते हैं। परन्तु ब्रह्मवैवर्तपुराण में भगवान श्रीकृष्ण विश्वकर्मा से कहते हैं कि-बुद्धिमान पुरूष को चाहिए कि जिसकी लम्बाई-चौड़ाई समान हो, ऐसा घर न बनवायें, क्योंकि चौड़ाई घरों में निवास करने से गृहस्थों के धन का नाश होता है। अतः ऐसे भूखण्डों को खरीदते समय पाठकों को अपनी बुद्धिविवेक के साथ-साथ किसी वास्तुविद् की सलाह लेनी चाहिए।

2-आयताकार भूखण्ड-

जिस भवन या भूखण्ड की आमने सामने की दोनों भुजायें बराबर हों ऐसे भूखण्ड आयताकार भूखण्ड कहलाते हैं। ऐसे भूखण्ड के सभी कोण समकोण आकृति के होते हैं। ऐसे भूखण्ड या भवन में निवास करने वालों को प्रचुर मात्रा में धन लाभ मिलता है, संतानों में वृद्धि होती है साथ ये सभी के प्रिय होते हैं। आयताकार मकान के संबंध में विश्वकर्मा प्रकाश में कहा गया है कि मकान में चौड़ाई से दुगुनी से अधिक लम्बाई नहीं होनी चाहिएचौड़ाई से दुगुनी या उससे अधिक लम्बाई गृहस्वामी के विनाश का कारण बनती है।

3-वृताकार भूखण्ड-

ऐसे भूखण्ड-भवन जिनकी आकृति वृताकार होती है वे वृताकार भूखण्ड कहलाते हैं। ऐसे भूखण्ड में निवास करने वालों को किरती में वृद्धि होती है, उन्हें ज्ञान लाभ प्राप्त होता है साथ ही ऐसे भूखण्ड धन लाभ कराते हैं। परन्तु ऐसे भूखण्ड में ईशान कोण यानि नोर्थ ईस्ट का विशेष ध्यान रखना चाहिए। प्राचीन वास्तु शास्त्र में चक्र के समान मकान भी ग्रहस्थी के लिए वर्जित किया गया है। ऐसे घर में रहने से दरिद्रता आती है। मेरी भी अपनी राॅय है कि चक्र के समान भूखण्ड या मकान में रहने से बचना चाहिए।

4-षट्कोणाकार भूखण्ड-

ऐसे भूखण्ड-भवन जिनमें छः कोण हों। प्रत्येक कोण 60 डिग्री का बनता हो ऐसे भूखण्ड षट्कोणाकार भूखण्ड कहलाते हैं। ऐसे भूखण्ड पर मकान बनाने वालों को सरकार से धन लाभ होता है। ऐसे मकानों के स्वामी को जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। परन्तु ऐसे भूखण्डों के बारे में वास्तु के विभिन्न ग्रंथों में एकमत नहीं हैं। गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित भवन भास्कर में छः कोने वाले मकान को मृत्यु एवं क्लेश देने वाला बताया गया है। मेरी अपनी राय में भी पाठकों को छः कोनों वाले मकान को खरीदने से बचना चाहिए।

5-अष्टकोणाकार भूखण्ड- 

ऐसे भूखण्ड-भवन जिनमें आठ कोण हों, और प्रत्येक आठ कोण 45 डिग्री का बनता हो अष्टकोणाकार भूखण्ड कहलाते हैं। ऐसे भूखण्ड या भवन सुख प्रदान करने वाले होते हैं। इसमें रहने वाले व्यक्तियों को ऐश्वर्य ओर संपन्नता की प्राप्ति होती है। इस प्रकार भूखण्डों के बारे में भी वास्तु के विभिन्न ग्रंथों एकमत नहीं हैं। गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित भवन भास्कर में आठ कोने वाले मकान को रोग एवं शोक देने वाला बताया गया है। मेरी अपनी राय में भी पाठकों को आठ कोनों वाले मकान को खरीदने से बचना चाहिए।

6-गोमुखकार भूखण्ड- 

जिस भूखण्ड या भवन का पीछे का भाग बडा हो तथा प्रवेश द्वार छोटा हो। हम यह भी कह सकते हैं कि ऐसे भूखण्ड या भवन जो आगे से छोटे और पीछे से बड़े होते हैं गोमुखाकार भूखण्ड कहलाते हैं। इस प्रकार के भवन या भूखण्ड आवास हेतू श्रेष्ठ माने जाते हैं। ऐसे भवन में निवास करने वाले व्यक्ति धनी और तेजतर्रार होते हेैं। वे इस भवन में रहकर हर प्रकार की सुविधाएं प्राप्त करते हैं, मां लक्ष्मी ऐसे घरों में स्थायी रूप से निवास करती हैं।

7-चारकोण धारी भूखण्ड-

ऐसे भवन या भूखण्ड जिनमें दो कोण समकोण होते हैं तथा आमने सामने की भुजाएं बराबर होती है। चारकोण धारी भूखण्ड कहलाते हैं। ऐसे भूखण्ड भी धन-धान्य वैभव प्रदान करने वाले होते हैं और निवास करने वालों को शुभ फल प्रदान करते हैं।

8-सिंह मुखाकार भूखण्ड-

ऐसे भवन या भूखण्ड जिनका आगे का भाग बड़ा तथा पीछे का भाग छोटा होता है, सिंह मुखाकार भूखण्ड कहलाते हैं। ऐसे भूखड निवास करने की दृष्टि से अच्छे नहीं माने जाते हैं, इनमें निवास करने से लाभ के स्थान पर हानि ही होती है। बल्कि ये भूखण्ड व्यापार की दृष्टि से उत्तम माने जाते हैं। ऐसे भूखण्डों या भवनों में दुकान, व्यापार आदि करने से बहुत तरक्की होती है।

9-भद्रासन भूखण्ड-

ऐसे भूखण्ड आयताकार भूखण्डों की तरह ही होते हैं। ऐसे भूखण्ड भी धन-धान्य लाभ प्रदान करने वाले होते हैं।

आपकी जिज्ञासाऐं? और हमारे समाधान!

कौन सा आकार का घर सबसे अच्छा है?

आयताकार, वर्गाकार और गोमुखाकार भूखण्ड/मकान सबसे अच्छे माने जाते हैं, मेरी अपनी राय में सबसे अच्छा भूखण्ड गोमुखाकार व आयताकार होता है। आयताकार भूखण्ड जिसका साइज 1ः2 का रेस्यों होता है। ये प्लाॅट सुख-समृद्धि और धन-धान्य देने वाले होते हैं।

घर के लिए एक अच्छा प्लॉट साइज क्या है?

घर के सबसे अच्छा प्लाॅट का साइज 1ः2 का रेस्यों होता है।

साधारण वास्तु के आकार कितने प्रकार के होते हैं?


वास्तु के आकार, आयताकार, वर्गाकार, चक्राकार, गोमुखाकार, सिंहाकार, षटकोणाकार, अष्टकोणाकार, भद्रासनाकार आदि हो सकते हैं।


सबसे अच्छा प्लॉट कौन सा है?

गोमुखाकार, आयताकार, वर्गाकार के प्लाॅट सबसे अच्छे माने जाते हैं।


उपरोक्त आलेख में हमने भवन या भूखण्डों के 9 लाभदायक आकार/सेप के बारे में पढ़ा। इनके बारे में आधुनिक वास्तुशास्त्रियों और प्राचीन वास्तुशास्त्रियों की राय के साथ-साथ मैंने अपनी भी राय रखी। आने वाले वास्तु के आलेखों में हम कुछ हानिकारक आकार/सेप के बारे में भी चर्चा करेंगे। पाठकों को इस संबंध में कोई जिज्ञासा हो तो कमैंटस करें या फिर मुझे मेल कर सकते हैं।
प्रस्तुति: संजय कुमार गर्ग, वास्तुविद्, एस्ट्रोलाॅजर 8791820546 Whats-app
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